दीपक ताम्रकार, डिंडोरी। मध्य प्रदेश के आदिवासी जिला डिंडोरी नक्सल प्रभावित क्षेत्र है। यहां ग्रामीण आज भी नेटवर्क की समस्या से जूझ रहे है। आलम यह है कि नक्सली हो या जंगली जानवर, गांव आते भी है तो सूचना कैसे और किसे दे ? जिले के करंजिया विकासखंड के वन ग्राम खारीडीह, कपोटी में लगा बीएसएनएल टावर महज खड़ा तो कर दिया गया है, लेकिन इसका उपयोग आज तक शुरू नहीं किया जा सका। आइए जानते है क्या कहते है इस क्षेत्र के जनप्रतिनिधि…

नक्सल प्रभावित जिला डिंडोरी आज भी नेटवर्क की समस्या से जूझ रहा है। यहां टावर तो लगा दिया गया है, लेकिन इसका उपयोग अब तक शुरू नहीं किया गया है। नक्सल क्षेत्र खारीडीह में जनता के चुने गए जनपद सदस्य मधुवन सिंह कहते है कि नेटवर्क की समस्या से गांव जूझ रहा है। बाघ और हाथियों के दल ने बीते माह जमकर आतंक मचाया था, लेकिन आसपास के गांव को सूचना देने और सुरक्षित रहने के लिए लोगों को जानकारी नहीं दे सके। वहीं पूरा इलाका नक्सलियों से प्रभावित है। बावजूद इसके बीएसएनएल ने नेटवर्क चालू नहीं किया है।

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वहीं इस पूरे मामले में जब बीएसएनएल विभाग में पदस्थ इंजीनियर मनोज तिवारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जिले में 77 बीएसएनएल टावर खड़े कर दिए गए है, उनमें से 10 टावर ऑन एयर करने की तैयारी है। नक्सल प्रभावित 33 स्थानों की सूची पुलिस अधीक्षक डिंडोरी से मिली है। इनमें से थाड़पथरा, सिलपिड़ी, खारीडीह में भी जल्द लगाया जाना प्रस्तावित है। जल्द ही नेटवर्क की सुविधा दी जाएगी। रोड वर्क चलने के कारण कई जगहों पर कनेक्टिविटी की दिक्कतें आती है, क्योंकि केवल भूमिगत होती है।

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