पंकज सिंह भदौरिया,दंतेवाड़ा। दंतेवाड़ा जिले के बारसूर में वर्षो से लंबित बारसूर परियोजना को सरकार एक बार फिर से शुरू करना चाहती है. बताया जा रहा है कि सरकार ने इसकी रूपरेखा भी तैयार कर ली है, लेकिन परियोजना जिस क्षेत्र में लगेगी उस इलाके के ग्रामीण नाखुश है, क्योंकि इस परियोजना में बने बांध से 42 गांव डुबान क्षेत्र में आ जाएंगे. जिनका विस्थापन सम्भव नहीं है, हालांकि सरकार ग्रामीणों को मुवावजा और विस्थापित जमीन पर बसाने का मास्टर प्लान भी बना रखी है.

ग्रामीणों और बारसूर इलाके के क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों से मिलने बुधवार को दंतेवाड़ा विधायक देवती कर्मा, चित्रकूट विधायक रजमन बेंजाम हितामेटा पहुँचे हुए थे, जहाँ ग्रामीणों की रायशुमारी पर परियोजना को लेकर सलाह मशुहरा हुआ. इस बैठक में करीब 200 ग्रामीण मौजूद थे. कुछ समय पहले क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों का एक दल सीएम से बारसूर प्रोजेक्ट को लेकर मुलाकात की थी, उस समय प्रोजेक्ट को लेकर जो खास चर्चा हुई उसे ग्रामीण जानना चाहते थे.

बता दें कि बारसूर प्रोजेक्ट से एयरपुंड, मालेवाही, हर्राकोडेर, भटपाल, बिनता, बेज़ा, कुदूर जैसे 42 गांव है, जिन पर प्रभाव पड़ेगा. मगर प्रोजेक्ट बनने से क्षेत्रीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा. ग्रामीणों की बैठक में रामूराम नेताम, श्रवण कड़ती, भाजपा से मौजूद थे.