सुशील खरे रतलाम। सरकार की राशन वितरण योजना पर कई राशन दुकान संचालक पलीता लगा रहे है. दुकान संचालक कुछ घंटों के लिए दुकान खोलते है और फिर बंद कर चले जाते हैं. हितग्राही उनके वापस आने की उम्मीद में घंटों इंतजार करते है और लौटकर निराश घर चले जाते हैं. ऐसा ही मामला ग्राम मूंदड़ी में सामने आया है जहां आसपास 5 गांवों के लोग कई किलोमिटर पैदल और साइकिल से राशन लेने मूंदड़ी पहुंचते है और राशन नहीं मिलने पर वापस चले जाते हैं.
जानकारी के अनुसार ग्रमीण सुबह 8 बजे यहां आकर जमीन पर अपना राशन कार्ड रखकर नंबर लगाते है, और झुलसा देने वाली धूप में तपते है कि परिवार के लिए राशन मिल जाए. सेल्समैन 12 बजे आकर कुछ लोगों को राशन देकर 1 बजे ताला लगाकर चला जाता है. उसके पुन: आने की आस में ग्रामीण घंटों वहां बैठे रहते है और शाम होने के बाद निराश होकर चले जाते है. ग्रामीणों ने बताया कि सेल्समैन द्वारा प्रतिदिन ऐसा किया जाता है. सेल्समैन को लगातार कई बार फोन लगाया गया उसने फोन नहीं उठाया. कोरोना काल में शासन ने लेट समय तक शाकीय उचित मूल्य की दुकानों को खोलने के निर्देश दिए है., लेकिन उनके इन निर्देशो का सेल्समैन पर कोई असर नहीं पड़ रहा है.
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भरी दोपहरी में हितग्राही छाया की तलाश में एकत्रित होकर बैठ जाते हैं, जिससे सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन होता है. इसके पूर्व जिला खाद आपूर्ति अधिकारी कह चुके हैं कि इस प्रकार की भीड़ कहीं पर भी एकत्र नहीं होती. टोकन सिस्टम व्यवस्था लागू की गई है. परंतु कहीं पर भी उनकी टोकन सिस्टम व्यवस्था नजर नहीं आती. पूरे जिले में इस प्रकार की अव्यवस्था देखने में आ रही है.
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