प्रदेश की भूपेश सरकार की जनहितैषी योजनाएं गांवों को आत्मबल दे रही हैं. जिससे ग्रामीण क्षेत्रों को स्वरोजगार से जोड़कर आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में मदद मिल रही है. छत्तीसगढ़ सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे-छोटे कुटीर उद्योगों के माध्यम से ग्रामीणों को रोजगार के अवसर देकर उनकी आमदनी को बढ़ाने का प्रयास किया है.

राज्य में ग्रामीण और कुटीर उद्योग को प्रोत्साहन देने के लिए रूरल एण्डस्ट्रीयल पार्क (रीपा) की स्थापना की गई है. साथ ही 5 साल के भीतर हर ग्राम पंचायत में एक ग्रामीण औद्योगिक पार्क बनाए जाने का लक्ष्य रखा गया है. इस नीति में छोटे निवेशकों को सेवा क्षेत्र में उद्यम के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. ऐसे विकासखण्डों जिनमें पारंपरिक रूप से ग्रामीण और कुटीर उद्योग प्रचलित हैं, उन विकासखण्डों को उच्च प्राथमिकता विकासखण्ड के रूप में वर्गीकृत कर सामान्य से ज्यादा अनुदान प्रदान किये जा रहे हैं. इस नीति के तहत अनुदान प्राप्त करने के लिए यह जरुरी नहीं कि इकाई ग्रामीण क्षेत्र में ही स्थापित हो. ग्रामीण क्षेत्रों की तरह ही शहरी क्षेत्रों में अर्बन इण्डस्ट्रीयल पार्क की स्थापना का कार्य भी किया जा रहा है.

छत्तीसगढ़ में लागू नई औद्योगिक नीति, सिंगल विंडो सिस्टम, कच्चे माल की पर्याप्त उपलब्धता के फलस्वरूप राज्य में औद्योगिक विकास में तेजी आई है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर निर्मित छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति निवेशकों को आकर्षित कर रही है. पिछले पौने पांच सालों में राज्य में अनेक नए उद्योग स्थापित हुए हैं. जिसमें करोड़ो रुपये का निवेश हुआ है. इस नीती का फायदा स्थानीय संसाधनों और स्थानीय लोगों को मिल रहा है.