Vinayaka Chaturthi: दूर्वा गणेश जी को प्रिय है. चाहे वे कितने भी आभूषणों से सुसज्जित क्यों न हों, उनके गले में हमेशा साधारण दूर्वा घास की माला रहती है. गणेश, जिन्हें विनायक और अरुगमपुला (तमिलनाडु में) के नाम से भी जाना जाता है, को सभी बाधाओं को दूर करने वाले के रूप में पूजा जाता है. अरुगमपुला माला या दुर्वा घास की माला उनकी पसंदीदा सजावट मानी जाती है. अगर आप भी भगवान गणेश को प्रसन्न करना चाहते हैं तो विनायक चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित एक महत्वपूर्ण त्योहार है. इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता मिलती है.
Vinayaka Chaturthi तिथि
माघ माह के शुक्लपक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 4 दिसंबर को दोपहर 1.10 बजे से होगी और अगले दिन 5 दिसंबर को दोपहर 12.49 बजे समाप्त होगी. ऐसे में उदया तिथि के आधार पर विनायक चतुर्थी व्रत 5 दिसंबर गुरुवार को मनाया जाएगा.
आर्थिक लाभ के लिए
विनायक चतुर्थी इस बार बुधवार को है. भगवान गणेश को दूर्वा या 11 या 21 गांठ वाली माला चढ़ाएं या अरुगमपुला माला अर्पित करें. ऐसा करने से भगवान गणेश की कृपा बनी रहेगी और आपको आर्थिक लाभ भी होगा.
बुध दोष से मुक्ति (Vinayaka Chaturthi)
अगर कुंडली में बुध कमजोर है तो विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को दूर्वा घास की माला चढ़ाएं. इससे आपको लाभ होगा और बुध दोष से भी राहत मिलेगी.
घर में सुख और शांति
घर में शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए प्रतिदिन या बुधवार को गाय को दूर्वा खिलाएं. साथ ही गौ माता के साथ-साथ भगवान गणपति की कृपा भी बनी रहेगी.
भगवान गणेश को ऐसे चढ़ाएं दूर्वा (Vinayaka Chaturthi)
भगवान गणेश जी को सुबह स्नान से पूजा शुरू करें. इसके बाद भगवान गणेश को दूर्वा अर्पित करें. भगवान गणेशजी के मस्तक पर दूर्वा अर्पित करनी चाहिए. पूजा के दौरान उन्हें मालाएं चढ़ाएं. ध्यान रखें कि भगवान गणेश के चरणों में दूर्वा न रखें. इससे व्यक्ति को फल नहीं मिलता है.
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक