पटना। बिहार की सियासत में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। वीआईपी पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी ने आगामी विधानसभा चुनावों से पहले बड़ा बयान देकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा को गर्म कर दिया है। मंगलवार को फेसबुक लाइव के जरिए उन्होंने साफ कर दिया कि इस बार वे महागठबंधन सरकार में डिप्टी सीएम का पद मांगेंगे। फेसबुक लाइव में मुकेश सहनी ने सबसे पहले लोकतंत्र के इस पर्व के लिए जनता को शुभकामनाएं दीं। इसके बाद उन्होंने कहा कि बिहार में अब बदलाव की बयार चल रही है। कुछ ही दिनों में महागठबंधन की सरकार बनने जा रही है। इस बार जनता बदलाव चाहती है और हम पूरे आंकड़ों के साथ चुनावी मैदान में उतरेंगे। सहनी ने कहा बिहार के युवाओं के पलायन की समस्या को लेकर सरकार को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि आज भी हमारे नौजवानों को 10-15 हजार की नौकरी के लिए दूसरे राज्यों में जाना पड़ रहा है। मैं खुद इसका गवाह हूं, मुझे भी बाहर जाना पड़ा था।

वीआईपी पार्टी के पास है मजबूत जनाधार

243 सीटों वाली विधानसभा में वीआईपी पार्टी कितनी सीटों पर लड़ेगी, इसका खुलासा तो नहीं हुआ, लेकिन सहनी ने इशारा जरूर किया कि उनकी पार्टी इस बार अच्छी संख्या में सीटों पर दावेदारी करेगी। उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव से उन्होंने बहुत कुछ सीखा है और इस बार हर सीट पर गहन समीक्षा कर ही टिकट दिया जाएगा।

कार्यकर्ताओं को देंगे सम्मान

सहनी ने यह भी कहा कि वीआईपी पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ता चुनाव लड़ना चाहते हैं। हमने रात 2 बजे तक बैठक की है और हर वरिष्ठ नेता व कार्यकर्ता से व्यक्तिगत मुलाकात कर रहे हैं। जिसने पार्टी के लिए संघर्ष किया है, उसे उसका हक जरूर मिलेगा।

मुख्यमंत्री पर सीधा हमला

फेसबुक लाइव के दौरान मुकेश सहनी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा 20 साल में जनता को गुमराह किया गया है। मुख्यमंत्री कभी इधर, कभी उधर लेकिन कुर्सी नहीं छोड़ी। अब हालत ये है कि वो सही से भाषण तक नहीं दे पा रहे हैं। जनता को सब समझ में आ रहा है।

डिप्टी सीएम पद की मांग ने बढ़ाई हलचल

सोमवार को मीडिया से बातचीत में सहनी ने दो टूक कहा कि महागठबंधन में टिकट बंटवारे को लेकर सबकुछ लगभग तय हो चुका है। उन्होंने दावा किया कि वे ना सिर्फ सरकार बनाने जा रहे हैं बल्कि डिप्टी सीएम भी बनेंगे। हालांकि वीआईपी पार्टी की सीटों की संख्या और डिप्टी सीएम पद की शर्त को लेकर महागठबंधन के अन्य दलों में असहजता देखी जा रही है। गौरतलब है कि 2020 के विधानसभा चुनाव से पहले भी सहनी ने ऐन वक्त पर महागठबंधन छोड़कर सबको चौंका दिया था।