सुधीर दंडोतिया, भोपाल। प्रयागराज महाकुंभ 2025 में अब तक 40 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु संगम स्नान कर चुके हैं. सात  फरवरी सुबह 10 बजे तक 40 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके हैं. इस बीच वीआईपी लोगों का महाकुंभ में लगातार आना जारी है. पीएम मोदी भी कुंभ में स्नान कर चुके हैं. वहीं कल 8 फरवरी को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव भी प्रयागराज जाकर महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाएंगे. हालांकि अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि सीएम मोहन कल प्रयागराज दौरे पर रहेंगे.  

45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान

महाकुंभ में इस बार 45 करोड़ श्रद्धालुओं के पवित्र संगम में स्नान करने का अनुमान है. हर 12 साल बाद लगने वाले इस कुंभ में 144 साल बाद खास संयोग बन रहा है, क्योंकि अब तक 12 कुंभ पूरे हो चुके हैं. इसी वजह से इसे महाकुंभ कहा जा रहा है और इसमें आने वाला श्रद्धालुओं की संख्या पहले के किसी भी कुंभ से ज्यादा है. ऐसे में कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की गिनती के लिए यूपी सरकार ने हाईटेक उपकरणों का सहारा लिया है और इस बार AI बेस्ड कैमरे की मदद से लोगों की गिनती की जा रही है.

महाकुंभ क्यों मनाया जाता है

पौराणिक कथा के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश के लिए देवताओं और असुरों के बीच 12 दिन घमासान युद्ध हुआ. अमृत को पाने की लड़ाई के बीच कलश से अमृत की कुछ बूंदें धरती के चार स्थानों पर गिरी थीं. ये जगह हैं प्रयागराज, उज्जैन, हरिद्वार और नासिक. इन्हीं चारों जगहों पर कुंभ का मेला लगता है. जब गुरु वृषभ राशि में और सूर्य मकर राशि में होते हैं तब कुंभ मेला प्रयागराज में आयोजित किया जाता है. जब गुरु और सूर्य सिंह राशि में होते हैं, तब कुंभ मेला नासिक में आयोजित होता है. गुरु के सिंह राशि और सूर्य के मेष राशि में होने पर कुंभ मेला उज्जैन में आयोजित होता है. सूर्य मेष राशि और गुरु कुंभ राशि में होते हैं, तब हरिद्वार में कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है.

Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H