सर्दी के मौसम में हम में से कई लोग खांसी-जुकाम से जूझ रहे होते हैं. ऐसे में अक्सर लोग इससे निजात पाने के लिए रम या ब्रांडी का सेवन करने की सलाह देते हैं. इतना ही नहीं इसका सेवन करने वाले इसके फायदे गिनाते भी नहीं थकते, लेकिन, सच्चाई कोई नहीं जानता.
आखिर रम या ब्रांडी हमारे लिए फायदेमंद है या नहीं, यह जानने के लिए हमने एक निजी हॉस्पिटल के मेडिसिन विभाग के को-चेयरमैन डॉ. अतुल कक्कड़ से बात की. दरअसल, ऐसी मान्यता है कि रम की तासीर गर्म होती है. इसे पीने से खांसी, सर्दी और जुकाम से पीड़ित व्यक्ति को तुरंत आराम मिलता है. कई रिपोर्ट्स में तमाम तरह के दावे किए गए हैं.
सर्दियों में ब्रांडी या रम पीने की सलाह ?
रम को गन्ने के उपोत्पाद से बनाया जाता है। यह एक प्रकार का आसुत मादक पेय है. ब्रांडी भी एक मजबूत मादक पेय है, जिसे फलों के रस या डिस्टिल्ड वाइन से बनाया जाता है. सर्दी के मौसम में शराब पीने के शौकीन लोग ब्रांडी और रम की तरफ शिफ्ट हो जाते हैं.
उनका तर्क है कि ये दोनों पेय पदार्थ गर्म होते हैं और इनके नियमित सेवन से आपके शरीर में गर्माहट आती है. ऐसे भी दावे हैं कि रम या ब्रांडी पीने से जोड़ों के दर्द यानी ऑस्टियोपोरोसिस या गठिया में आराम मिलता है. यह भी कहा जाता है कि इन ड्रिंक्स को लेने से बोन मिनरल डेंसिटी में सुधार होता है.
सांस की समस्या और शरीर में गर्माहट से राहत का दावा
शराब पीने वालों का यह भी दावा है कि सर्दियों में ब्रांडी या रम पीने से आपके शरीर के अंदर गर्माहट आती है. यहां तक दावा किया जाता है कि बच्चों को शहद में ब्रांडी मिलाकर पिलाया जाता है, ताकि उनका शरीर गर्म रहे.
एक दावा यह भी है कि ब्रांडी या रम सर्दियों में सांस की कई समस्याओं का इलाज है, क्योंकि इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होता है. कहा जाता है कि शराब हमारी नाक में जमे चिपचिपे पदार्थ को साफ कर देती है. साथ ही बैक्टीरिया भी दूर हो जाते हैं.
दावे-दावे हैं विज्ञान नहीं ?
रम और ब्रांडी को लेकर इन सभी दावों का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है. इन दावों को समझने के एक मीडिया चैनल ने निजी हॉस्पिटल के मेडिसिन विभाग के को-चेयरमैन डॉ. अतुल कक्कड़ से बात की. डॉ. कक्कड़ बताते हैं कि चिकित्सकीय रूप से कोई भी डॉक्टर आपको रम या ब्रांडी लेने की सलाह नहीं दे सकता है.
कंजेशन के मरीज को बिल्कुल भी नहीं लेना चाहिए. कंजेशन का मतलब है कि आपके सीने में कफ की जकड़न है. आप खांसी-जुकाम से परेशान हैं. डॉ. अतुल कहते हैं कि ऐसे मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता वैसे भी कम होती है.
रम या ब्रांडी लेने से रोग प्रतिरोधक क्षमता और कमजोर हो जाती है. यह उनके लिए हानिकारक होगा. उनका कहना है कि शराब पीने से एक तरह की गर्मी मिलती है, लेकिन यह गर्मी बहुत कम समय के लिए होती है. बाद में यही गर्मी नुकसान भी पहुंचाती है. इसलिए कोई भी डॉक्टर चिकित्सकीय रूप से किसी को भी किसी भी तरह से शराब लेने की सलाह नहीं दे सकता है. यह पूरी तरह से एक मिथ है.
पीने वालों को तो कोई न कोई बहाना चाहिए. यह भी एक बहाना है. इसका सत्य से कोई लेना-देना नहीं है. अगर किसी को कफ हो तो उसे शराब का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए.
अच्छा लगता है लेकिन यह हकीकत नहीं है ?
डॉ. कक्कड़ का कहना है कि मरीज बेहतर फील करने के लिए शराब का सेवन करते हैं, लेकिन हकीकत में ऐसा कुछ नहीं होता है. वे सोचते हैं कि पेय अच्छा, सुखदायक, गर्म है, लेकिन यह केवल नुकसान ही करता है.
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