रायपुर। शिक्षाकर्मियों के संविलियन और उनके अधिकारों के लिए लड़ने वाले प्रथम पंक्ति के कर्मचारी नेता वीरेंद्र दुबे अब देशभर में पुरानी पेंशन बहाली तथा कर्मचारियों के अधिकारों के लिए लड़ेंगे. उनके कर्मचारी हितैषी कार्यप्रणाली को देखकर कर्मचारी संगठन “राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा” ने उन्हें राष्ट्रीय महासचिव का दायित्व सौंपा है.

छग के सक्रिय, दमदार, निडर, जुझारू कर्मचारी नेता के रूप में पहचाने जाने वाले वीरेंद्र दुबे अब राष्ट्रीय स्तर पर दहाड़ेंगे. वीरेंद्र दुबे छत्तीसगढ़ में शिक्षाकर्मी के संविलियन, नियमितीकरण और उनके अधिकारों के लिए चलाए गए विभिन्न आंदोलनों के मुख्य संचालक रहे हैं. साथ ही देश के दिग्गजों में हुए कर्मचारी आंदोलनों में भी बतौर वक्ता एवं मार्गदर्शक के रुप में शामिल होते रहे.

उन्होंने शिक्षाकर्मी भर्ती में बीएड -बीटीआई को अनिवार्य कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इसके लिए उन्होंने पूर्ववर्ती अजीत जोगी सरकार के स्कूल शिक्षा मंत्री सत्यनारायण शर्मा को राजी किया. हालांकि इस आंदोलन के दौरान उन्हें जेल भी जाना पड़ा. इसके बाद 1 मई 2005 को शिक्षाकर्मी के पद पर 16463 संविदा शिक्षकों को संविलियन कराया. इसके लिए 2004 -05 में हुए आंदोलन में उन्हें दोबारा जेल जाना पड़ा.

2008 में शिक्षाकर्मियों के अधिकारों को लेकर हुए राजधानी रायपुर के मोती बाग में हुए प्रदेश स्तरीय धरना प्रदर्शन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. वे इस दौरान भी जेल गए वर्ष 2011 में हुए बड़े आंदोलन में 6 दिन तक जेल गए. इस आंदोलन का सकारात्मक परिणाम निकला और राज्य सरकार ने शिक्षाकर्मियों के अधिकारों के लिए एवं सुधार के लिए 10 आदेश निकाले.

वर्ष 2012-13 में 38 दिन का आंदोलन हुआ. जिसमें दुबे ने मुख्य भूमिका निभाई. परिणाम स्वरूप शिक्षा कर्मियों को छठवां वेतनमान मिला. 2017 में वे आंदोलन में 01 नवंबर से 4 नवंबर तक जेल में रहे जिसके कारण संविलियन का लाभ मिला. दुबे की निडरता और बेबाकी के कारण ही वे सभी कर्मचारी संगठनों के चहेते हैं. उनकी संगठनात्मक कार्यकुशलता और रणनीति के कारण कर्मचारी यह मानते हैं कि वे कर्मचारी हित में हर असंभव काम संभव हो सकते हैं. यही कारण है कि उन्हें मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली आदि राज्यों में भी कर्मचारी आंदोलन के दौरान उन्हें विशेष रूप से आमंत्रित किया जाता है. वीरेंद्र दुबे के राष्ट्रीय महासचिव बनने के बाद पुरानी पेंशन के लिए चल रहा आंदोलन और तेज होगा.

विभिन्न प्रमुख दायित्वों का निर्वहन कर चुके हैं वीरेंद्र दुबे 

वीरेंद्र दुबे “छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ” के प्रदेश अध्यक्ष व “राष्ट्रीय पैरा शिक्षक संघर्ष समिति” के राष्ट्रीय संयोजक है. इससे पहले दुबे छत्तीसगढ़ संविदा शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षाकर्मी संघ के प्रदेश अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ शिक्षक पंचायत फेडरेशन के मुख्य संचालक, छत्तीसगढ़ पंचायत नगरी निकाय मोर्चा संघर्ष समिति के मुख्य संचालक तथा छत्तीसगढ़ छात्राध्यापक संघर्ष समिति के अध्यक्ष भी रह चुके हैं.

एकजुटता के साथ करेंगे ऐतिहासिक संघर्ष 

वीरेंद्र दुबे ने बताया कि राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीपी सिंह रावत के नेतृत्व में राष्ट्रीय स्तर पर पुरानी पेंशन बहाली के लिए ठोस व ऐतिहासिक संघर्ष किया जाएगा. कर्मचारियों को उनका हक दिलाने के लिए आवाज बुलंद करेंगे. उन्होंने समस्त कर्मचारियों को पुरानी पेंशन बहाली के लिए एकजुटता के साथ संघर्ष के लिए तैयार रहने की अपील की है.