दुर्ग। छत्तीसगढ़ के सरकारी कालेजों में पढ़ने वाले छात्रों को अब उच्च कोटी की शिक्षा मिल सकेगीयही नहीं छात्र देश के विख्यात प्राध्यापकों से सीधे जुड़कर पढ़ाई कर सकेंगे। दरअसल आज से सूबे के 5 सरकारी कालेजों में वर्चुअल क्लास रुम सेवा प्रारंभ हो गई है। उच्च शिक्षा मंत्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय ने सोमवार को शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर काॅलेज में सेटेलाईड आधारित वर्चुअल क्लास रूम का रिमोट दबाकर शुभारंभ किया। दुर्ग सहित प्रदेश के पांच नवीन कन्या महाविद्यालय रायपुर, दंतेवाड़ा, सरायपाली और सूरजपुर में एक साथ पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर यह योजना सोमवार से शुरू हा गई।
मंत्री पाण्डेय ने कहा कि वर्चुअल क्लास रूम का फायदा सुदूर अंचल के विद्यार्थियों को ज्यादा मिलेगा। राज्य सरकार शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण एवं सुदूर अंचल के विद्यार्थियों को भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षण प्रदान करने के लिए वचनबद्ध है। वर्चुलअ क्लास रूम इसी दिशा में राज्य सरकार की एक नई पहल है। पाण्डेय ने काॅलेज के गजानन माधव मुक्तिबोध सभागार में आयोजित शुभारंभ समारोह में बड़ी संख्या में उपस्थित विद्यार्थियों एवं प्रध्यापकों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यदि यह पायलेट प्रोजेक्ट पूर्ण रूप से सफल रहा तो उच्च शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ शासन प्रदेश के अन्य महाविद्यालयों को भी इस महत्वाकांक्षी योजना से जोड़ने का प्रयास करेगी। पाण्डेय ने कहा कि यह योजना सीधे सेटेलाइट पर आधारित है। इन्टरनेट कनेक्टिविटी संबंधी कोई समस्या इस योजना के क्रियान्वयन में नहीं आएगी।
उल्लेखनीय है कि इस योजना के अंतर्गत मुंबई के विशेषज्ञ प्राध्यापक पाठ्यक्रम से जुड़े महत्वूपर्ण विषयों पर जीवंत व्याख्यान देंगे तथा व्याख्यान के दौरान विद्यार्थी प्रश्न पूछकर जिज्ञासाओं का समाधान भी कर सकते हैं। उद्घाटन के पश्चात मुबंई के विषय विशेषज्ञ डाॅ. अल्पा नायक के द्वारा दिए गए अंग्रजी विषय के व्याख्यान को वर्चुअल क्लास रूम योजना से जुड़े पांचों शहर दंतेवाड़ा सरायपाली, सूरजपुर, रायपुर एवं दुर्ग के महाविद्यालयों विद्यार्थियों एवं प्राध्यापकों एक साथ लाइव देखा। तामस्कर महाविद्यालय के विद्यार्थी सौरव वर्मा, सूरजपुर के कलेक्टर देव सेनापति, नवीन कन्या महाविद्यालय रायपुर की कु. स्मिता तथा दंतेवाड़ा एवं सरायपाली के विद्यार्थी ने व्याख्यान पर आधारित प्रश्न पूछकर अपनी जिज्ञासा शांत की। व्याख्यान देने वाली मुंबई की प्राध्यापक ने बड़े ही सरल एवं प्रभावशाली ढंग से अंग्रेजी भाषा से संबंधित प्रश्नों के उत्तर दिए।
दुर्ग विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. एन.पी. दीक्षित ने वर्चुअल क्लास रूम की महत्ता प्रतिपादित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ जैसे विकासशील प्रदेश में वर्चुअल क्लास रूम की अवधारणा लाकर उच्च शिक्षा विभाग ने निश्चित रूप से सराहनीय कार्य किया है।
देखें कैसे होगी पढ़ाई
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