विशाखापट्टनम। आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम के आरआर वेंकटपुरम में एलजी पॉलिमर कंपनी से खतरनाक जहरीली गैस के रिसाव से अब तक 10 लोगों की मौत हो गई है. करीब 800 से अधिक लोग अस्पताल में भर्ती कराए गए है. जबकि 5 हजार से अधिक लोग गैस की चपेट में आए है. यह आकड़ा अभी आगे और बढ़ सकता है. फिलहाल गैस के रिसाव पर काबू पा लिया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हालात का जायजा लिया और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने घटना पर चिंता व्यक्त की है.
जीवीएमसी आयुक्त ने कहा कि प्रभावित क्षेत्र से 5 गांवों के कुल 1500 घरों को खाली कराया गया है. 180 पीड़ितों का इलाज केजीएच विशाखापट्टनम में चल रहा है, जबकि 40 पीड़ित अपोलो अस्पताल में हैं. इनमें 3 गंभीर हालत में हैं. यह स्टाइरीन गैस है जो सांस लेने में तकलीफ, गले, त्वचा, आंखों में जलन और शरीर के कुछ अन्य अंगों को प्रभावित करती है.
मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी विजाग एएनएस अस्पताल का दौरा करने पहुंचे है, जहां प्रभावितों का इलाज किया जा रहा है. बताया गया कि मुख्यमंत्री स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं और जिला मशीनरी को तत्काल कदम उठाने और सभी सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए हैं.
रिपोर्ट के अनुसार पीवीसी या स्टेरेने गैस का रिसाव हुआ है. रिसाव की शुरुआत रात 2.30 बजे हुई. गैस रिसाव की चपेट में आस-पास के लोग आ गए और कई लोग बेहोश हो गए, जबकि कुछ लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है. उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट दिया जा रहा है. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत कार्य में जुटी हुई है.
बता दें कि भोपाल में 2 दिसंबर 1984 की रात विशाखापत्तनम की ही यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से जहरीली गैस का रिसाव हुआ था. भोपाल हादसा विशाखापत्तनम में हुए हादसे से कहीं ज्यादा डराने वाली और घातक थी. इस गैस हादसे में 15 हजार से अधिक लोगों की जान गई थी और बहुत सारे लोग अनेक तरह की शारीरिक अपंगता से लेकर अंधेपन के भी शिकार हुए थे.