रायपुर। छत्तीसगढ़ को देश की ऊर्जा राजधानी के रूप में जाना जाता है. आज छत्तीसगढ़ एक नई ऊर्जा क्रांति की दहलीज पर खड़ा है. राज्य में ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न उद्योग समूहों ने तीन लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव दिए हैं. मुख्यमंत्री विष्णुदेव के कुशल नेतृत्व और सुशासन के परिणामस्वरूप निवेशकों का विश्वास राज्य पर बढ़ा है. इससे न केवल ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि राज्य की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे.

राजधानी रायपुर में हुए ‘छत्तीसगढ़ एनर्जी इंवेस्टर्स समिट’ में कई बड़ी कंपनियों ने 3 लाख करोड़ से ज्यादा के निवेश का ऐलान किया है. इस निवेश से राज्य में परमाणु, थर्मल, सौर और पंप्ड स्टोरेज जैसे क्षेत्रों में बिजली उत्पादन के नए प्रोजेक्ट शुरू होंगे. इससे न केवल उद्योगों को फायदा मिलेगा, बल्कि आम लोगों को भी सस्ती और निरंतर बिजली मिल सकेगी. इस मौके पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का कहना है कि छत्तीसगढ़ में ऊर्जा के क्षेत्र में यह निवेश राज्य की बिजली उत्पादन क्षमता को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देकर हरित भविष्य का मार्ग प्रशस्त करेगा. हमारा लक्ष्य है कि छत्तीसगढ़ न केवल ऊर्जा में आत्मनिर्भर बने, बल्कि पूरे देश के लिए एक ऊर्जा हब के रूप में स्थापित हो. छत्तीसगढ़ पहले से ही 30,000 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर रहा है, जो देश के औसत से ज्यादा है. अब हर व्यक्ति को 2048 किलोवाट-घंटे बिजली मिल रही है, जिससे राज्य की ऊर्जा जरूरतें पूरी हो रही हैं.

छत्तीसगढ़: ऊर्जा उत्पादन का केंद्र

छत्तीसगढ़ प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर राज्य है. यह कोयला, जल और सौर ऊर्जा की अपार संभावनाओं के कारण देश में ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाता रहा है. यहां स्थित प्रमुख तापीय और जलविद्युत संयंत्रों ने वर्षों से भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है..

कोयला आधारित ऊर्जा उत्पादन

छत्तीसगढ़ में कोयले के विशाल भंडार हैं, जिनका उपयोग करके कई बड़े तापीय ऊर्जा संयंत्र संचालित किए जा रहे हैं..कोरबा, रायगढ़, और बिलासपुर जैसे जिले कोयला आधारित ऊर्जा उत्पादन के प्रमुख केंद्र हैं. यहां स्थित एनटीपीसी, सीएसईबी और निजी कंपनियों के संयंत्र देशभर में बिजली आपूर्ति में योगदान देते हैं.

हाइड्रो पावर (जल विद्युत)

छत्तीसगढ़ में महानदी और इंद्रावती जैसी नदियों पर कई जलविद्युत परियोजनाएं संचालित हैं. जलविद्युत ऊर्जा को स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा के रूप में बढ़ावा दिया जा रहा है.

नवीकरणीय ऊर्जा (सौर और पवन ऊर्जा)

विष्णु देव सरकार ने हरित ऊर्जा को प्राथमिकता दी है, जिससे सौर और पवन ऊर्जा उत्पादन में नई योजनाएं लाई जा रही हैं. राज्य में सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के लिए बड़े निवेशकों ने रुचि दिखाई है.

परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में एनटीपीसी ने 80,000 करोड़ रुपये की लागत से 4200 मेगावाट क्षमता का न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट लगाने की योजना बनाई है. इससे छत्तीसगढ़ में परमाणु ऊर्जा से बिजली उत्पादन की शुरुआत होगी.

विष्णुदेव सरकार के सुशासन से निवेशकों का बढ़ता भरोसा

छत्तीसगढ़ में ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव ने कई प्रभावी नीतियां अपनाई हैं. सरकार द्वारा उठाए गए कदमों में शामिल हैं:

औद्योगिक नीतियों में सुधार

सरकार ने नई औद्योगिक नीति लागू की है, जिससे ऊर्जा क्षेत्र में निवेश करने वाली कंपनियों को टैक्स में छूट और अन्य प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं.
भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया गया है, जिससे निवेशकों को आसानी हो रही है.

नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा

सरकार ने 2030 तक छत्तीसगढ़ को नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन में अग्रणी बनाने का लक्ष्य रखा है.
सौर और पवन ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू की गई हैं.

बेहतर लॉ एंड ऑर्डर और आधारभूत ढांचा

विष्णुदेव सरकार के तहत राज्य में कानून व्यवस्था मजबूत हुई है, जिससे निवेशकों को सुरक्षित वातावरण मिल रहा है..
बिजली उत्पादन और वितरण के बुनियादी ढांचे को अपग्रेड किया गया है, जिससे उत्पादन और आपूर्ति की समस्याओं को कम किया जा सके.

देश के प्रमुख उद्योग समूहों का निवेश प्रस्ताव

विष्णुदेव सरकार के सुशासन और अनुकूल निवेश नीतियों के कारण कई बड़े उद्योग समूह छत्तीसगढ़ में ऊर्जा उत्पादन के लिए निवेश करने का एलान किया है. प्रमुख निवेश प्रस्तावों में शामिल हैं:

  1. परमाणु ऊर्जा: साफ और कुशल ऊर्जा उत्पादन के लिए ₹80,000 करोड़ का निवेश.
  2. ताप विद्युत: राज्य की ताप विद्युत क्षमता को मजबूत करने के लिए ₹1,07,840 करोड़.
  3. सौर ऊर्जा: सौर ऊर्जा परियोजनाओं के विस्तार के लिए ₹10,000 करोड़.
  4. पीएम कुसुम योजना: किसानों के बीच सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए ₹4,100 करोड़.
  5. पंप्ड स्टोरेज परियोजनाएं (PSP): ग्रिड स्थिरता के लिए ऊर्जा भंडारण में ₹57,046 करोड़.
  6. क्रेडा सौर पहल: सौर ऊर्जा विस्तार के लिए ₹3,200 करोड़.
  7. पीएम सूर्य योजना: राष्ट्रीय सौर छत परियोजना के तहत ₹6,000 करोड़.
  8. सरकारी भवनों में सौर ऊर्जा: सरकारी इमारतों में सौर ऊर्जा अपनाने के लिए ₹2,500 करोड़.
  9. बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (BESS): ऊर्जा भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए ₹2,600 करोड़.
  10. पावर ट्रांसमिशन नेटवर्क: बिजली पारेषण नेटवर्क को उन्नत करने के लिए ₹17,000 करोड़.
  11. RDSS (वितरण क्षेत्र योजना): वितरण बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए ₹10,800 करोड़.

थर्मल पावर क्षेत्र में भी बड़े निवेश की घोषणा हुई है. अदानी पावर 66,720 करोड़ रुपये खर्च कर कोरबा, रायगढ़ और रायपुर में 1600-1600 मेगावाट के तीन थर्मल पावर प्लांट लगाएगा. जिंदल पावर रायगढ़ में 1600 मेगावाट बिजली उत्पादन के लिए 12,800 करोड़ रुपये का निवेश करेगा, जबकि सरदा एनर्जी रायगढ़ में 660 मेगावाट क्षमता के प्लांट के लिए 5,300 करोड़ रुपये लगाएगी. इसके अलावा, सरकारी कंपनियां एनटीपीसी और सीएसपीजीसीएल 41,120 करोड़ रुपये की लागत से 4500 मेगावाट बिजली उत्पादन करेंगी.

सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भी छत्तीसगढ़ को बड़ी सफलता मिली है. जिंदल पावर और एनटीपीसी ग्रीन मिलकर 10,000 करोड़ रुपये खर्च कर 2500 मेगावाट सौर बिजली का उत्पादन करेंगे. इसमें डोलेसरा में 500 मेगावाट और रायगढ़ में 2000 मेगावाट के सौर प्लांट शामिल होंगे.

किसानों के लिए भी खुशखबरी है. पीएम कुसुम योजना के तहत 4100 करोड़ रुपये की लागत से 675 मेगावाट सौर बिजली का उत्पादन किया जाएगा और 20,000 सोलर पंप लगाए जाएंगे. इससे किसानों को सिंचाई के लिए सस्ती बिजली मिलेगी और डीजल पंपों की जरूरत कम होगी.

इसके अलावा, 57,046 करोड़ रुपये की लागत से 8700 मेगावाट क्षमता के पंप्ड स्टोरेज प्रोजेक्ट भी शुरू होंगे. इसमें एसजेएन कोटपाली में 1800 मेगावाट और जिंदल रिन्यूएबल द्वारा 3000 मेगावाट के प्रोजेक्ट शामिल हैं.

ऊर्जा उत्पादन में क्रांति के संभावित लाभ

छत्तीसगढ़ में ऊर्जा उत्पादन में आ रही इस क्रांति के कई सकारात्मक प्रभाव होंगे:

राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार

बड़े पैमाने पर निवेश से राज्य की जीडीपी में वृद्धि होगी.
नए उद्योगों के आने से व्यापार और अन्य आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी.

रोजगार के अवसरों में वृद्धि

ऊर्जा क्षेत्र में निवेश से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा.
स्थानीय युवाओं को विशेष रूप से तकनीकी और औद्योगिक क्षेत्रों में नौकरियां मिलेंगी.

पर्यावरणीय सुधार और हरित ऊर्जा का विकास

नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के बढ़ने से कोयला आधारित ऊर्जा पर निर्भरता कम होगी.
इससे पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी और राज्य की हरित ऊर्जा क्षमता बढ़ेगी.

बिजली की स्थिर आपूर्ति और निर्यात की संभावना

बढ़े हुए उत्पादन के कारण छत्तीसगढ़ अन्य राज्यों को बिजली आपूर्ति कर सकेगा.
इससे राज्य को अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा और राष्ट्रीय ऊर्जा सुरक्षा में योगदान मिलेगा.

इन सभी निवेशों के जरिए छत्तीसगढ़ जल्द ही देश के सबसे बड़े ऊर्जा उत्पादक राज्यों में शामिल हो जाएगा. इससे उद्योगों, किसानों और आम लोगों को फायदा होगा और राज्य की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी..मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ एक नई ऊर्जा क्रांति की ओर बढ़ रहा है. निवेशकों का बढ़ता विश्वास, सरकार की अनुकूल नीतियां और राज्य में उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों का बेहतर उपयोग इस परिवर्तन को और गति देंगे. इस निवेश से न केवल राज्य की आर्थिक प्रगति होगी, बल्कि देश को भी ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी. आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ भारत का अग्रणी ऊर्जा केंद्र बनने की दिशा में अग्रसर रहेगा.