रायपुर। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के तीन दिन दौरे का रोडमैप प्रदेश सरकार तैयार कर रही है. सरकार विकास के खोखले दावों का ढोल पीटने की बचकानी कोशिश में लगी है. सत्ता-संघर्ष और अंदरूनी कलह से जूझती प्रदेश सरकार अपनी कुर्सी बचाने की ज़द्दोज़हद का यह आख़िरी दांव खेल रही है. इसलिए वह अपनी शर्मनाक विफलताओं पर पर्दा डालकर कुछ चुनिंदा ज़गहों पर राहुल गांधी को ले जाकर झूठा श्रेय लूटने की नौटंकी कर रही है. साय ने चुनौती दी कि अगर प्रदेश सरकार में ज़रा भी नैतिक साहस है, तो वह राहुल गांधी को अपनी बदनीयती और कुनीतियों के सच का सामना करने का मौक़ा दे.
विष्णुदेव साय ने कांग्रेस सरकार से कुछ सवाल पूछे और मांगे ज़वाब
किसानों के नाम पर सियासत कर सत्ता में आने के बाद उन्हीं किसानों से वादाख़िलाफ़ी, छलावा करने वाली प्रदेश सरकार क्या राहुल गांधी को छत्तीसगढ़ के उन 440 किसानों के घर ले जाएगी, जिन्होंने कांग्रेस शासन के बीते पौने तीन सालों में प्रदेश सरकार की बदनीयती, कुनीतियों और तुग़लक़शाही के चलते आत्महत्या की है ?
क्या प्रदेश सरकार राहुल गांधी को उन 10 हज़ार से ज़्यादा महिलाओं और 4 हजार नाबालिग किशोरियों के घर लेकर जाएगी, जो दुष्कर्म/सामूहिक दुष्कर्म की दरिंदगी के दंश से अपनी लहूलुहान अस्मिता की मर्मान्तक पीड़ा भोग रही हैं ? क्या सरगुजा की उस दुष्कर्म पीड़िता पांच साल की बच्ची और उसके परिजनों से मिलवाने का साहस दिखाएगी, जिस पीड़िता बच्ची के डॉक्टरी मुलाहिजे के लिए उसके पिता कई दिनों तक इस अस्पताल से उस अस्पताल की चौखटों पर ठोकरें खा रहे थे?
क्या प्रदेश सरकार अपने ख़ानदानी शहज़ादे को उन ज़गहों पर ले जाकर सामूहिक हत्याकांड की बर्बरता का सच बताएगी, जहाँ पीड़ित परिजनों की चीत्कार आज भी पूरे प्रदेश की मानवता और संवेदनाओं का मर्म भेद रही हैं ? क्या वह प्रदेशभर में खुलेआम चाकूबाजी, हत्याओं की वारदात के आँकड़ों का ग्राफ़ दिखाएगी ? क्या राहुल गांधी को प्रदेश सरकार सत्तावादी अहंकार में चूर उन कांग्रेस नेताओं, पार्षदों, विधायकों से भी मिलवाएगी जिन्होंने महिलाओं और सरकारी अफ़सरों से सरेआम मारपीट और बदसलूकी करने रिकॉर्ड अपने नाम किया है?
क्या प्रदेश सरकार सच के आईने में नज़र आ रही अपनी बदसूरत का नज़ारा कांग्रेस के अपने पूर्व अध्यक्ष को करा यह बता पाएगी कि कैसे आपराधिक तत्वों और तमाम माफ़ियाओं को सत्ता-संरक्षण में फलने-फूलने देकर छत्तीसगढ़ को अराजकता के गर्त में धकेल दिया गया है. क्या यह बताने का दम भी यह सरकार दिखाएगी कि कैसे एक दहेज हत्या के मामले में सजा काट चुके अपराधी को बड़ा पद देकर सरकार द्वारा उपकृत किया गया है ?
क्या प्रदेश सरकार राजधानी के उस जयस्तम्भ चौक पर राहुल गांधी को लेकर जाकर यह दिखाएगी कि जहाँ बहुत भीड़ होती है, दिन-रात रौनक रहती है, वहाँ चाकुओं से गोदकर लोगों की सरेआम हत्या करके आरोपी बड़ी बेफ़िक्री से फ़रार हो जाते हैं?
क्या उन ज़गहों पर ले जाकर राहुल गांधी को प्रदेश सरकार सड़ांध फैलाते हुए उन लाखों मीट्रिक टन धान के बारे में बताएगी, जिसे ख़रीदकर प्रदेश सरकार ने खुले में रखकर बर्बाद करके अपने निकम्मेपन की मिसाल पेश की है ? स्व. राजीव गांधी के नाम पर न्याय योजना चलाकर किसानों के साथ हर साल क्यों अन्याय किया जा रहा है?
क्या कांग्रेस के चश्म-ओ-चिराग़ को उन घरों तक ले जाकर प्रदेश सरकार अपनी उन बर्बर कलंक-कथाओं के बारे भी बताएगी, जिन घरों की किशोरवय की लगभग 6 हजार नाबालिग लड़कियों का अपहरण किया गया और 111 मामले मानव तस्करी सामने आए हैं ? एक सभ्य समाज को शराबखोरी और नशीले पदार्थों की अंधी गलियों में धकेलने के कारण घरेलू हिंसा के बढ़ते ग्राफ़ से भी क्या प्रदेश सरकार राहुल गांधी को नावाक़िफ़ ही रखेगी ?
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