रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु देव साय ने कोरोना संक्रमण के इस भयावह दौर में भी स्कूली बच्चों को नि:शुल्क पुस्तक व राशन वितरण करने के लिए स्कूल बुलवाकर कोविड-19 के लिए तय गाइडलाइन का पालन नहीं किए जाने पर कड़ा ऐतराज जताया है. साय ने लाउडस्पीकर से बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था से सरपंचों के इंकार के बाद प्रदेश सरकार की इस योजना भी मिट्टी पलीद होने पर तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अब अपनी रोका-छेका, पौनी-पसारी बाजार, गौठान, नरवा-गरुवा-घुरवा-बारी आदि योजनाओं को पहले ही साल में विफल होकर दम तोड़ते देखने वाले देश के पहले मुख्यमंत्री होंगे. यह प्रदेश सरकार की राजनीतिक व प्रशासनिक अपरिपक्वता का क़दम-क़दम पर परिचय देने वाली शर्मनाक स्थिति है.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साय ने कहा कि शनिवार को पुस्तकें व राशन लेने स्कूलों में बच्चे बिना मास्क पहने हुए पहुँचे थे और इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन नहीं हुआ. इससे कोरोना के संक्रमण का ख़तरा बढ़ने की आशंका को शासन-प्रशासन ने अनदेखा करके कोविड-19 के लिए तय गाइडलाइन का खुला उल्लंघन किया है. जबकि कोरोना संक्रमण से बच्चों को विशेष तौर पर सुरक्षित रखने की ज़रूरत बताई गई है. साय ने इस बात के लिए भी प्रदेश सरकार पर निशाना साधा कि यदि उसने बदलापुर की राजनीति के चलते पूर्ववर्ती भाजपा राज्य सरकार की मोबाइल वितरण योजना को बंद करने का फैसला नहीं लिया होता तो आज वही मोबाइल ग्रामीण इलाकों के विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन पढ़ाई में सहायक सिद्ध होते जो आज मोबाइल नहीं होने के कारण ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित हैं. आज संकट के दौर में कई तरह की नौटंकियाँ शिक्षा के क्षेत्र में भी प्रदेश सरकार कर रही है, लेकिन व्यावहारिक दिक्कतों पर उसका ध्यान नहीं जा रहा है और इसीलिए पढ़ाई तुहँर दुआर जैसी योजना भी दम तोड़ रही है.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साय ने प्रदेश सरकार और कांग्रेस के नेताओं पर भी निशाना साधते हुए कहा कि जब शासन के स्तर पर ज़िम्मेदार सत्ताधीश ही इस गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे हैं तो फिर किसी अन्य से इसके पालन की उम्मीद कैसे की जा सकती है? प्रदेश कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया के शनिवार को रायपुर पहुँचने पर एयरपोर्ट, मुख्यमंत्री निवास और कांग्रेस कार्यालय में सैकड़ों लोगों का जमावड़ा कोविड-19 की गाइडलाइन का खुला उल्लंघन माना जाएगा जहाँ मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन फिर नहीं हुआ. साय ने इस बात पर हैरत जताई कि प्रदेश सरकार के पास अपनी सियासी नौटंकियों और निगम-मंडलों की नियुक्ति जैसे ग़ैर ज़रूरी विषयों पर चर्चा करने के लिए बैठकें बुलाने का समय है लेकिन कोरोना के इस संकटकाल में इस महामारी से निपटने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाकर चर्चा करने का वक़्त नहीं है. प्रदेश सरकार के इस रवैए से एकदम साफ है कि वह प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के प्रति लापरवाह हो प्रदेश के जनस्वास्थ्य से क्रूर खिलवाड़ कर रही है.