रायपुर. छत्तीसगढ़ भारत का एक प्रमुख ग्रामीण राज्य है, जहां अधिकतर जनसंख्या गांवों में निवास करती है। राज्य के विकास की कुंजी गांवों के विकास में ही है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ की विष्णु देव साय सरकार ने “उन्नत ग्राम अभियान” की शुरुआत की। यह अभियान राज्य के गांवों को आत्मनिर्भर, स्वच्छ, और उन्नत बनाने के लिए एक समग्र योजना है। इसके अंतर्गत शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, स्वच्छता, और बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने के प्रयास किए जाते हैं। देशभर के जनजातीय बहुल गांवों में निवास करने वाले जनजातीय परिवारों को समग्र विकास के साथ-साथ बेहतर सुविधाएं देने के लिए 2 अक्टूबर 2024 से छत्तीसगढ़ में अस्तित्व में आया उन्नत ग्राम अभियान। यह योजना देश के 63 हजार जनजातीय बहुल गांवों में चलाई जा रही है।

अपने कार्यकाल के शुरुआती एक साल में ही मुख्यमंत्री की तत्पारता ने छत्तीसगढ़ को हर तरह की सुविधाओं से नवाजने का काम किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित होने वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में देश के जनजातीय बहुल गांवों और जिलों में जनजातीय परिवारों के लिए परिपूर्णता लक्ष्य को अपनाकर जनजातीय समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान को मंजूरी दी गई थी। इस मिशन में 79,156 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है। यह योजना केन्द्र और राज्य सरकार के सहयोग से क्रियान्वित की जा रही है।

उन्नत ग्राम अभियान से ये अपेक्षा की जा सकती है कि इससे ग्रामीण आजीविका में सुधार होगा, किसानों की आय बढ़ेगी, कृषि को उन्नत तकनीकों से जोड़ा जाएगा, गांवों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और डिजिटल साक्षरता का प्रसार होगा, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा,ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों का उन्नयन होगा, ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो सकेगा कराना। महिलाओं को स्वावलंबी बनने उनके लिए और भी रोजगार और कौशल विकास कार्यक्रम चलाए जा सकेंगे, स्वच्छता और कचरा प्रबंधन पर और भी जोर दिया जाएगा।

छत्तीसगढ़ में लगभग 32 प्रतिशत जनजातीय जनसंख्या निवास करती है और इस अभियान के क्रियान्वयन के लिए 32 जिलों के 138 विकासखण्डो के 6691 आदिवासी बहुल गांव का चयन किया गया है। चयनित गांव में बुनियादी सुविधाओं के विकास के साथ-साथ सामाजिक, आर्थिक, उन्नति के कार्य किए जा रहे हैं। जनजातीय बहुल इलाकों को देश की मुख्य धारा से जोड़ने के प्रयास इस अभीयान से बहुत हद तक सफल भी हो रहे हैं। इस महत्वाकांक्षी मिशन के क्रियान्वयन के लिए छत्तीसगढ़ में संबंधित विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 02 अक्टूबर को बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के राजपुर में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम को वर्चुअली सम्बोधित किया था। इस मौके पर राजपुर में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सहित अन्य अतिथिगण भी शामिल रहे।
उन्नत ग्राम अभियान के क्रियान्वयन के तहत ग्रामवासियों को विकास योजनाओं में सक्रिय भागीदार बनाया जाता है। आधुनिक तकनीकों और सरकारी योजनाओं का उपयोग कर गांवों को उन्नत बनाने का प्रयास किया जा रहा है। गांव में उपलब्ध संसाधनों का बेहतर उपयोग कर वहाँ आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में सोलर लाइटिंग, जैविक खेती, और अन्य नवाचारों को बढ़ावा दिया जा रहा है।

केन्द्रीय बजट में की गई घोषणा के अनुसार इस अभियान में देश के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों के  63,000 गांव शामिल होंगे, जिससे 5 करोड़ से अधिक जनजातीय लोगों को लाभ होगा। इसमें 30 राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों के जनजातीय बहुल 549 जिले और 2,740 ब्लॉक के गांव शामिल होंगे। इस मिशन में 25 कार्यक्रम शामिल किए गए जिन्हें 17 मंत्रालयों द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है। प्रत्येक मंत्रालय-विभाग अनुसूचित जनजातियों के लिए विकास कार्य योजना के तहत उन्हें आवंटित धनराशि के माध्यम से अगले 5 वर्षों में समयबद्ध तरीके से योजना का क्रियान्वयन करेंगे।

छत्तीसगढ़ में इस अभियान के बाद कई गांवों का समग्र विकास हुआ है। सड़क, बिजली, पानी और इंटरनेट कनेक्टिविटी जैसी मूलभूत सुविधाओं में सुधार हुआ है। किसानों ने उन्नत बीज, जैविक खाद और नई तकनीक के बारे में जागरूक होकर अपनी उत्पादकता बढ़ाई है। ग्रामीण महिलाएं स्व-सहायता समूहों के माध्यम से आत्मनिर्भर बन रही है।

उन्नत ग्राम मिशन से पात्र अनुसूचित जनजाति परिवारों को पीएमएवाई (ग्रामीण) के तहत नल का पानी, बिजली आपूर्ति की उपलब्धता के साथ पक्का आवास मिल रहा है। इन परिवारों को आयुष्मान भारत कार्ड से भी जोड़ा जा रहा है। जनजाति बहुल गांवों तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़कों का निर्माण कराया जा रहा है।  भारत नेट परियोजना के अंतर्गत मोबाइल कनेक्टिविटी और इंटरनेट की सुविधा पहुचाई जा रही है । स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा में सुधार के लिए बुनियादी ढांचा सुनिश्चित किया जा रहा है।    जनजाति समुदाय के विद्यार्थियों के लिए हर साल 10वीं-12वीं कक्षा के बाद दीर्घकालिक कौशल पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण की व्यवस्था भी इस अभियान का हिस्सा हैं , इसके अलावा, जनजातीय बहुउद्देशीय विपणन केंद्र के माध्यम से विपणन सहायता, पर्यटक गृह प्रवास, एफआरए पट्टा धारकों को कृषि, पशुपालन और मत्स्य पालन के लिए सहायता प्रदान किया जा रहा है। 

उन्नत ग्राम अभियान में जनजातीय परिवारों की गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाओं तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित किया जा रहा है , शिशु मृत्यु दर, मातृत्व मृत्यु दर में राष्ट्रीय मानकों को हासिल करने का प्रयास किया जा रहा है और जिस गाँव से स्वास्थ्य उपकेंद्र मैदानी क्षेत्रों में 10 किमी से अधिक और पहाड़ी क्षेत्रों में 5 किमी से अधिक दूरी पर है, वहां मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से टीकाकरण की सुविधा दी जा रही है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अगुवाई में लागू उन्नत ग्राम अभियान एक सराहनीय पहल है, लेकिन इसे लागू करने में कई चुनौतियाँ भी हैं जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता की कमी, सीमित वित्तीय संसाधन, और भौगोलिक कठिनाइयाँ, जैसे दूर-दराज के क्षेत्रों तक पहुंच, इनका भी कारगर उपाय खोजा जा रहा है। छत्तीसगढ़ का उन्नत ग्राम अभियान राज्य के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल गांवों को आत्मनिर्भर बना रहा है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन स्तर को भी ऊपर उठा रहा है। यदि इस अभियान की सफलता से छत्तीसगढ़ के गांव उन्नति की नई ऊंचाइयों को छू लेगा। यह अभियान देश के अन्य राज्यों के लिए भी एक प्रेरणा है।