रायपुर. फेसबुक में एक धर्म के लोगों के लिए विवादित पोस्ट करने वाली बीजेपी पार्षद विश्वदिनी पांडे के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है.

 उक्त बीजेपी नेता के खिलाफ थाने में 153 (ए), 295 (ए), 505 (2) और धारा 188 के तहत अपराध दर्ज कराया गया है. शिकायकर्ता शाहिद सिद्दीकी के मुताबिक अप्रैल माह में आरोपी विश्वदिनी द्वारा लगातार मुस्लिम धर्म के खिलाफ विवादित पोस्ट करती आ रही थी. जिसके बाद 4-5 वकीलों के एक सेल ने उनके खिलाफ ये अपराध दर्ज कराया है. वहीं पुलिस से उन्होंने उक्त आरोपी को जल्द गिरफ्तार करने की भी मांग की है. वहीं अपने ऊपर एफआईआर दर्ज होने की जानकारी खुद आरोपियां ने अपने फेसबुक में पोस्ट की है. इस संबंध में आरोपियां का पक्ष लेने उनके अंत में (1933) वाले मोबाइल नंबर में फोन किया गया, लेकिन उनका फोन कवरेज क्षेत्र के बाहर होने की जानकारी मिली.

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क्या-क्या धाराएं लगी और किसमे कितना है सजा का प्रावधान

आईपीसी की धारा 153 (ए) उन लोगों पर लगाई जाती है, जो धर्म, भाषा, नस्ल वगैरह के आधार पर लोगों में नफरत फैलाने की कोशिश करते हैं. धारा 153 (ए) के तहत 3 साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं. अगर ये अपराध किसी धार्मिक स्थल पर किया जाए तो 5 साल तक की सजा और जुर्माना भी हो सकता है. आईपीसी 153 ए के साथ-साथ 295 ए की पूरक धारा है. प्रावधान प्रकाशकों के साथ-साथ सामग्री को दोहराए जाने वालों के लिए भी उत्तरदायित्व को बढ़ाता है. धारा 505 (2) ‘विभिन्न वर्गों में शत्रुता, घॄणा या वैमनस्य पैदा या सम्प्रवर्तित करने वाले कथन’. महामारी कानून  के सेक्शन 3 में इस बात का जिक्र किया गया है कि अगर कोई प्रावधानों का उल्लंघन करता है, सरकार / कानून के निर्देशों / नियमों को तोड़ता है, तो उसे आईपीसी की धारा 188 के तहत दंडित किया जा सकता है. इस संबंध में किसी सरकारी कर्मचारी द्वारा दिए निर्देशों का उल्लंघन करने पर भी आपके खिलाफ ये धारा लगाई जा सकती है.