भगवान विश्वकर्मा, सर्जन यानी निर्माण या वास्तुकला के देवता हैं। हर साल हिंदू धर्म के अनुयायी विश्वकर्मा जयंती को पूरे उत्साह के साथ मनाते हैं। कल, यानी 17 सितंबर को देशभर में विश्वकर्मा पूजा का आयोजन होगा। इस दिन का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। भक्त अपने-अपने क्षेत्र में प्रगति और समृद्धि के लिए भगवान विश्वकर्मा की आराधना करते हैं। अपने सभी उपकरणों की, मशीनों की, वाहनों की विधिवत विशेष पूजा करते हैं।

भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से कारोबार में तरक्की होती है। शास्त्रों में इस दिन पूजा करने के लिए कई नियम और विधि का उल्लेख मिलता है। इस दिन काम करने की मनाही होती है। चलिए,इसके बारे में जानते हैं।

जानिए क्या न करें

ऐसी मान्यता है कि इस दिन औजारों और मशीनों का उपयोग न करें। इन्हें एक दिन का आराम दें। औजारों को इधर-उधर न फेंके। इससे भगवान नाराज हो सकते हैं। पूजा के दिन नकारात्मक बातों या विवादों से बचें। खास बात यह भी ध्यान रखें कि इस दौरान मांस, मदिरा और तामसिक चीजों का भोग न करें।

विश्वकर्मा पूजा पर क्या करना चाहिए

विश्वकर्मा पूजा के दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा निर्धारित मुहूर्त में और विधिपूर्वक, पूरी ईमानदारी से, सच्चे भाव से करें। ताजे फूल, फल और साफ पूजा सामग्री का उपयोग करें। अगर, आप किसी संस्था या दुकान, उद्योग के संचालक हैं तो पूजा में सभी कर्मचारियों-श्रमिकों को शामिल करें। इस दिन दान का भी विशेष महत्व बताया गया है।

सभी उपकरणों-औजारों की पूजा करें

आज हर व्यक्ति किसी न किसी रूप में कोई न कोई उपकरण, औजार या फिर मशीन इस्तेमाल कर रहा है। विश्वकर्मा पूजा के दिन फैक्ट्री, घर और दुकान में रखी मशीनों की पूजा करें। अपने औजारों और मशीनों को साफ जरूर करें।