सत्यपाल सिंह,रायपुर। छत्तीसगढ़ में दृष्टिबाधित और मूक बधिर बच्चों के पढ़ाई के लिए विशेष पहल की शुरुआत की गई है. अब ये बच्चे स्मार्टफोन से पढ़ाई करेंगे. इसके लिए रायपुर के राज्य शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद में तीन चरण में 9 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया है. जहां शुक्रवार को बलौदाबाजार, बिलासपुर और बस्तर के 60 दृष्टिबाधित बच्चों को प्रशिक्षण देकर स्मार्टफोन वितरण किया गया. जिससे दृष्टिबाधित और मूक बधिर बच्चे स्मार्ट फोन के जरिए बेहतर शिक्षा ग्रहण कर सके.

हाथों में स्मार्टफ़ोन और कानों में हेडफोन लगाकर दृष्टिबाधित-मूख बधिर छात्र-छात्राओं ने उत्साह के साथ बताया कि पहले हम ब्रेल लिपि या अन्य माध्यमों से पढ़ाई करते थे. अब स्मार्टफ़ोन से पढ़ाई सहज और सरल हो जाएगा. उसमें पढ़ने में ज़्यादा समय लगता था इसमें टॉक बेक के माध्यम से हमारे पाठ्यक्रम रिकॉर्ड है. जिसे सुन और देखकर पढ़ा जा सकता है. एक छात्र ने दावा किया कि इसे पढ़कर मैं इस बार 20 प्रतिशत अपने रिज़ल्ट में वृद्धि कर सकूँगा. ऐसा मुझे अनुभव हो रहा है.

प्रशिक्षण दे रहे दिव्यांग शिक्षकों ने बताया कि इस स्मार्टफ़ोन की पढ़ाई से छात्रों का पढ़ाई थोड़ा आसान होगा और उनको सहायता मिलेगी. प्रशिक्षण के माध्यम से उन्हें बताया जा रहा है कि फ़ोन को कैसे ऑपरेट करना है. पाठ्यक्रम को सॉफ़्टवेयर के माध्यम से कैसे चलाना है इसकी प्रशिक्षण दी गई.

समग्र शिक्षा संचालक पी दयानंद ने बताया कि स्पेशल डिजाइन पाठ्यपुस्तक के आधार पर स्मार्ट फोन के जरिए बच्चों को पढ़ाया जाएगा. पढ़ाने से पहले उन्हें बताया जा रहा है कि फोन कैसे काम करेगा. हमें कैसे ऑपरेट करना है. एम जेक्शन कंपनी की सीएसआर की ओर से 100 बच्चों के लिए फोन की व्यवस्था करेगी. बाकी के लिए हम अपने अप्रव्यूल फंड से करेंगे. हमारे पास अन्य भी तरीके हैं जिससे बच्चों को ठीक तरीके से पढ़ा सकें. डिजिटल के माध्यम से निश्चित तौर पर बच्चों को बहुत लाभ मिलने वाला है. कितना फायदा होगा यह आने वाला वक्त बताएगा.

बता दें कि तीन चरणों में प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया है. आज पहले चरण में 16 से 18 जनवरी तक बलौदाबाजार, बिलासपुर और बस्तर के 60 दृष्टिबाधित दिव्यांग बच्चे शामिल हुए. जबकि 20-22 जनवरी को आयोजित द्वितीय चरण की कार्यशाला में बालोद, बलरामपुर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, दुर्ग, कांकेर, कोंडागांव, कोरबा, कोरिया और सरगुजा के 68 दिव्यांग बच्चे कार्यशाला में शामिल होंगे. वहीं 23-25 जनवरी तक आयोजित तीसरे चरण के कार्यशाला में नारायणपुर, रायगढ़, रायपुर, राजनांदगांव, सुकमा और सूरजपुर ज़िले के 65 दिव्यांग बच्चे कार्यशाला में शामिल होंगे.