दिनेश द्विवेदी, कोरिया। प्यार वो चीज है जो सभी तरह के बंधनों को तोड़ देता है. न इस में जाति बंधन की दीवारे होती है न ही शारीरिक विक्लांगता आड़े आती है, ऐसा ही एक अनोखा मामला कोरिया जिले के डुमरिया गांव में देखने को मिला है. जहां पर शादी के बंधन में बंधने वाले दूल्हा और दुल्हन दृष्टिबाधित हैं. दोनों की जातियां भी अगल-अलग हैं. लेकिन इनके सच्चे प्यार ने इन्हें आखिर मिला ही दिया. खास बात ये भी है कि इस अनोखी शादी में बाराती भी दृष्टिबाधित हैं.
प्रेमी कपल की मुलाकात यूनिवर्सिटी में संगीत की पढ़ाई के दौरान हुई थी. धीरे-धीरे दोनों में प्यार हुआ. और फिर दोनों ने साथ में रहवने का फैसली किया. अब दोनों ने जिंदगी भर साथ निभाने की कसमें खाई हैं. बुधवार को कोरिया जिले के डुमरिया गांव में मध्यप्रदेश के ग्वालियर से बारात यहां पहुंची थी.
अनोखी शादी में शामिल हुआ पूरा गांव…
शादी इसलिए भी खास बन गई, क्योंकि बगैर निमंत्रण के भी पूरा गांव आयोजन में शामिल हुआ. डुमरिया गांव के सभी लोगों के लिए इस शादी को देखना एक रोचक एहसास से भरा था. लिहाजा बिना निमंत्रण के ही पूरा गांव दादू राम पनिका के घर पहुंचा गया. इन्हीं की बड़ी बेटी गूंजा की शादी हुई है. जन्म से ही देख न सकने वाली गूंजा पढ़ाई में अच्छी थी। पिता ने भी साथ दिया तो बेटी चित्रकूट के रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय पढ़ने चली गई। यहां ब्रेल लिपि के माध्यम से बीएड की पढाई पूरी की। पढ़ाई के दौरान ही मध्यप्रदेश के ग्वालियर निवासी सूरज से मुलाकात हुई। सूरज भी देख नहीं सकते और यहां संगीत कला में आईटीआई कर रहे थे.
दोनों ही परिवारों से इस जोड़े के प्यार को कबूला और शादी के लिए राजी हो गए और बारात पहुंच गई डुमरिया गांव. बारात में माधव अन्ध आश्रम में संगीत सीखने वाले 20 से अधिक दृष्टिबाधित शिष्य बाराती बनकर आए. इस आश्रम में सूरज खुद संगीत भी सिखाते हैं. कई नेता भी मंच पर इस जोड़े को आशीर्वाद देने पहुंचे. शादी समारोह के दौरान आर्केस्ट्रा में भी दृष्टिबाधित युवकों ने अपनी दिलचस्प प्रस्तुतियां दी.