मुंबई। सीमा पर चीन के साथ हुए विवाद में 20 सैनिकों की शहादत के बाद लोगों का गुस्सा चरम पर है. ऐसे में यूएई में इस साल खेले जाने वाले आईपीएल के लिए चीनी मोबाइल कंपनी वीवो कोप्रायोजक बरकरार रखने का बीसीसीआई का निर्णय लोगों को रास नहीं आ रहा है. सोशल मीडिया में आईपीएल के बहिष्कार उठ रही मांग को देखते हुए अब वीवो ही अब स्पांसरशिप से हटने जा रहा है.

जानकारी के अनुसार, चीनी कंपनियों के खिलाफ देश में बने माहौल को देखते हुए वीवी के इस साल स्पांसरशिप से हटने की जानकारी आईपीएल के एक फ्रेंचाइजी ने अन्य फ्रेंचाइजिस को दी है. फ्रेंचाइजी द्वारा खुद उठाए गए इस कदम से बीसीसीआई को नाखुश बताया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर बीसीसीआई से जुड़े लोगों का कहना है कि भारतीयों की भावनाओं को देखते हुए केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों से चर्चाओं का दौर जारी है. सरकार की मंशा के हिसाब से निर्णय लिया जाएगा.

बता दें कि वीवो ने वर्ष 2017 में पेप्सी को पछाड़कर 2199 करोड़ रुपए में बीसीसीआई से आईपीएल के पांच साल के लिए स्पांसरशिप की डील की थी, जिसके हिसाब से हर सीजन के लिए 440 करोड़ रुपए का भुगतान किया जाना है. अब अगर वीवो स्पांसरशिप से हट जाता है, तो बीसीसीआई को आनन-फानन में नया स्पांसर ढूंढने में बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. उससे भी बड़ी बात यह है कि क्यो कोई कंपनी कोरोना संकटकाल में इतनी बड़ी रकम दे पाएगी. इस लिहाज से अगले 24 घंटे महत्वपूर्ण हैं, जिसमें बीसीसीआई के साथ-साथ आठों आईपीएल फ्रेचाइजी को निर्णय लेना होगा.