सत्या राजपूत, रायपुर। रायपुर में व्यावसायिक शिक्षा में शिक्षकों की भर्ती में गड़बड़ी का मामला इन दिनों सुर्खियों में है। लल्लूराम डॉट कॉम की एक खबर सामने आने के बाद पूरे प्रकरण ने तूल पकड़ लिया, जिसके बाद आनन-फानन में तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया। गठित जांच कमेटी ने हाल ही में मामले की सुनवाई कर अपनी रिपोर्ट विभाग को सौंप दी है, लेकिन रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है। ऐसे में जांच की निष्पक्षता को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
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सुनवाई में क्या हुआ?
जांच कमेटी ने पीड़ित विद्यार्थियों, NSUI, नर्सिंग यूनियन और ठेका कंपनियों को बुलाकर सुनवाई की। इस दौरान लगभग 11 शिकायतकर्ताओं ने शपथ पत्र के साथ ऑडियो, वीडियो और ई-ट्रांजैक्शन हिस्ट्री जैसे सबूत सौंपे। कमेटी ने एक दिन पहले ही पत्र भेजकर सभी को बुलाया था। दूसरी तरफ, 6 आरोपी ठेका कंपनियों से 10 बिंदुओं पर दस्तावेज मांगे गए, जिनमें कार्यादेश की प्रति, विज्ञापन की प्रति, अभ्यर्थियों की सूची, चयन प्रक्रिया और समय-सारणी, परीक्षा और साक्षात्कार की तारीख, स्थान और प्राप्तांक, मेरिट सूची, चयन सूची और नियुक्ति आदेश की प्रति शामिल हैं।
लगभग सभी कंपनियों ने दस्तावेज जमा कर दिए हैं। व्यावसायिक शिक्षा विभाग प्रभारी मंजू लता साहू से भी कमेटी ने दस्तावेज तलब किए हैं।
जांच समिति में ये अधिकारी हैं शामिल
- डी.के. कौशिक, उप संचालक, राज्य परियोजना कार्यालय – अध्यक्ष
- बृजेश बाजपेयी, उप संचालक, राज्य परियोजना कार्यालय – सदस्य
- ए.के. सारस्वत, उप संचालक, राज्य परियोजना कार्यालय – सदस्य
आरोप क्या हैं?
आरोप है कि ठेका कंपनियों ने सरकारी स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षक (VT) की भर्ती को बाजार बना दिया। 2-3 लाख रुपये की मोटी रकम देकर कोई भी हेल्थकेयर, IT, प्लंबर या ब्यूटी एंड वेलनेस जैसे ट्रेड्स में शिक्षक बन सकता है। प्रदर्शनकारियों का दावा है कि 1500 से ज्यादा पदों के लिए रेट कार्ड सेट था पैसा दो, नौकरी लो। नियम-कायदे ताक पर रखे गए और यहां तक कि ‘कोरोना योद्धाओं’ के लिए 10% बोनस अंक का सरकारी आदेश भी कागज का टुकड़ा बनकर रह गया।
निष्पक्षता पर क्यों उठ रहे सवाल?
अजय त्रिपाठी, योगेश और अमित शर्मा ने कहा कि जांच कमेटी को 48 घंटे में रिपोर्ट सौंपनी है। उन्होंने विभागीय अधिकारी को जांच का जिम्मा देने पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब विभाग ही सवालों के घेरे में है, तो निष्पक्षता कैसे संभव है? अब घोटाले का सच कैसे उजागर होगा?
तीन सदस्यीय जांच कमेटी के अध्यक्ष डी. के. कौशिक ने कहा प्राथमिक तौर पर जांच पूरी हो चुकी है और रिपोर्ट सौंप दी गई है।
समग्र शिक्षा मिशन से मिली जानकारी के मुताबिक व्यवसायिक शिक्षक भर्ती करने वाले सभी ठेका 06 कम्पनियों के द्वारा नवनियुक्त व्यवसायिक शिक्षकों को आगामी आदेश पर्यंत विद्यालयों में कार्यभार ग्रहण पर रोक लगा दी गई है। समस्त संयुक्त संचालक, जिला शिक्षा अधिकारी छत्तीसगढ़ ने समग्र शिक्षा के अंतर्गत संचालित व्यवसायिक शिक्षा के लिए अपने अधीनस्थ प्राचार्यों को तत्काल रोक लगाने निर्देश दिया गया है।
अब सबकी निगाहें जांच रिपोर्ट पर टिकी हैं। क्या सच सामने आएगा? यह देखने वाली बात होगी।
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