रायपुर। वरिष्ठ विधायकों को निगम- मंडल में जगह देने के प्रस्ताव पर उन विधायकों की मिलीजुली प्रतिक्रिया आई है। अमितेश शुक्ला ने इस प्रस्ताव पर बागी रुख दिखाया है। जबकि अरुण वोरा ने इस प्रस्ताव को स्वीकार किया है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में 13 मंत्री की अधिकतम सीमा के चलते कई वरिष्ठों को मंत्रीमंडल के जगह नहीं मिल पाई। निगम और मंडल में नियुक्तियों के सम्बंध में ये प्रस्ताव सत्ता और संगठन की बैठक में आया कि इसमें उन विधायकों को शामिल किया जाए जिन्हें योग्यता के बाद नहीं लिया जा सका। जिन विधायकों को निगम मंडल में एडजस्ट करने की बात सामने आई हैं, उनमें सत्यनारायण शर्मा, धनेंद्र साहू, अमितेश शुक्ल, अरुण वोरा और रामपुकार सिंह हैं। लल्लूराम डॉट कॉम ने इन विधायकों से फ़ोन पर बात करके इस प्रस्ताव पर उनकी प्रतिक्रिया जानी।
लल्लूराम डॉट कॉम ने जब पूर्व केबिनेट मंत्री अमितेश शुक्ला से बात की तो उन्होंने दो टूक इस प्रस्ताव को ख़ारिज कर दिया। अमितेश ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री को पहले ही अवगत करा दिया है कि उनकी निगम मंडल में कोई रुचि नही है। लालबत्ती में उनकी कोई रुचि नहीं हैं। उनकी काम करने की इच्छा है, उन्होंने पुराने कैबिनेट मंत्री होने का हवाला देते हुए कहा कि वे अपना डिमोशन नहीं कराना चाहते।
वहीं विधायक अरुण वोरा ने इसे सहर्ष स्वीकार करते हुए कहा कि यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है कि वह किसे क्या जिम्मेदारी दें। उन्हें जो भी जिम्मेदारी मुख्यमंत्री देंगे वह पार्टी के कार्यकर्ता होने के नाते स्वीकार्य होगा।
इस बारे में दो वरिष्ठ नेताओं से बात की गई तो उन्होंने सवाल को टाल दिया। वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा ने इसे हाइपोथेटिकल सवाल बताते हुए कहा कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि पता नहीं ये जानकारी कहाँ से मिली। उन्होंने कहा कि जिंन्होने ये जानकारी दी है उससे इसका जवाब लीजिये।
कांग्रेस के एक और वरिष्ठ नेता धनेंद्र साहू ने कहा कि उन्हें अभी कोई सूचना नहीं है। साहू ने कहा कि जब तक पार्टी से ऐसी कोई जानकारी न आ जाये तब तक कुछ कहना ठीक नहीं है।