रायपुर- मरवाही उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी डॉ के.के.ध्रुव ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा के डॉ गंभीर सिंह को भारी अंतर से परास्त कर दिया है. इस जीत के बाद छत्तीसगढ़ विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों की संख्या 70 हो गई है. राज्य में भूपेश बघेल की सरकार बनने के बाद उपचुनावों में यह कांग्रेस की लगातार तीसरी जीत है.
मरवाही उपचुनाव में जनता कांग्रेस द्वारा भाजपा को समर्थन देने की घोषणा के बाद माना जा रहा था कि वहां पर कांटे की टक्कर हो जायेगी,लेकिन कांग्रेस के पक्ष में आये एकतरफा परिणाम ने ये साबित कर दिया कि मरवाही की जनता ने भूपेश बघेल सरकार के कामकाज पर अपनी मुहर लगा दी है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मरवाही की जीत सीएम भूपेश बघेल की जनहितैषी योजनाओं की जीत है.
हालांकि ये माना जाता रहा है कि उपचुनाव में हमेशा सत्ता पक्ष हावी रहता है और परिणाम उसी के पक्ष में आते हैं.लेकिन हमने ये भी देखा है कि जब डॉ रमन सिंह के नेतृत्व में 2003 से 2018 तक भाजपा की सरकार थी,तो उस दौरान तीन उपचुनावों में सत्ता पक्ष की हार भी हुई थी. सबसे पहले 2006 में कोटा का उपचुनाव हुआ था,जिसमें तात्कालीन भाजपा सरकार द्वारा पूरा जोर लगाने के बाद भी कांग्रेस प्रत्याशी ने 25 हजार से अधिक वोट से अपने प्रतिद्वंदी भाजपा के ठाकुर भूपेन्द्र सिंह को हराया था. इसी प्रकार वैशालीनगर विधानसभा के उपचुनाव और राजनांदगांव लोकसभा के उपचुनाव में भी भाजपा सरकार होते हुए भी कांग्रेस के प्रत्याशी बड़ी अंतर से जीतने में कामयाब हुए थे.
2018 में भूपेश बघेल की सरकार बनने के बाद अब तक तीन उपचुनाव हुए हैं . पहले चित्रकोट,फिर दंतेवाड़ा और अब मरवाही. इन तीनों उपचुनावों में कांग्रेस प्रत्याशियों ने भाजपा के खिलाफ आसान जीत हासिल की मरवाही का चुनाव इस मामले में भी महत्वपूर्ण था कि 2018 में हुए चुनाव में यहां कांग्रेस तीसरे नंबर पर थी और वहां पर 55 हजार से ज्यादा मतों के अंतर को पाटना एक बड़ी चुनौती थी, लेकिन इन तमाम चुनौतियों के बाद भी कांग्रेस को महत्वपूर्ण सफलता मिली और जनता ने सीएम भूपेश बघेल के नेतृत्व में चल रही सरकार पर अपना विश्वास जताया है.