कुमार कुंदन, पटना. Supreme court Hearing On Bihar Voter List Revision: बिहार में चुनाव आयोग (Election Commission) द्वारा वोटर लिस्ट में संशोधन को लेकर विपक्षी पार्टिय़ों के मचे बवाल के बीच आज सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई. इस मामले में तेजस्वी यादव का बयान भी सामने आया है.

तेजस्वी यादव ने कहा कि कोर्ट का जो फैसला होगा उसे देखा जाएगा. तेजस्वी यादव ने कहा कोर्ट में हम लोग गए हैं. अपने पक्ष को रखा है, आज देखते हैं, कोर्ट में क्या फैसला आता है. कोर्ट का जो निर्णय होगा हम लोग देखेंगे. कोर्ट में मजबूती के साथ सभी पक्षों को रखा जा रहा है.

तेजस्वी ने चुनाव आयोग पर सवाल उठाते हुए कहा कि “चुनाव आयोग जो है वो बीजेपी के सेल की तरह काम कर रहा है. तेजस्वी यादव ने यह भी पूछा कि आधार कार्ड, राशन कार्ड और मनरेगा जॉब कार्ड को सत्यापन के लिए मान्य क्यों नहीं किया गया.

चुनाव आयोग की तरफ से आधार कार्ड को नागरिकता का प्रमाण नहीं, बल्कि केवल पहचान का प्रमाण बताया गया है. चुनाव आयोग का कहना है कि संविधान के अनुसार, देश का मतदाता वही हो सकता है जो देश का नागरिक हो.

उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों के पास है वह डॉक्यूमेंट है ही नहीं कोई भी स्पष्टीकरण चुनाव आयोग नहीं दे रहा है. चुनाव आयोग को आखिर ऐसी क्या जिद है जो चुनाव आयोग के प्रेस कांफ्रेंस करके क्लियर क्यों नहीं करते हैं. चुनाव आयोग को किस बात का कंफ्यूजन है. यह तो लग रहा है कि बीजेपी का जो पार्टी है उसके अनुसार काम कर रही है.

सुप्रीम कोर्ट ने क्या टिप्पणी की है?

गौरतलब है कि बिहार में वोटर लिस्ट के सत्यापन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि चुनाव आयोग जो कर रहा है, वह उसका संवैधानिक दायित्व है. कोर्ट ने कहा कि अनुच्छेद 326 में साफ तौर पर कहा गया है कि मतदाता वही हो सकता है जो देश का नागरिक हो. साथ ही, रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपल्स एक्ट की धारा 21 उपधारा 3 के तहत चुनाव आयोग के पास इस कार्रवाई को करने का अधिकार है.

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