पटना। बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान के दौरान चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। चुनाव आयोग के अनुसार, 11 हजार से अधिक ऐसे मतदाता पाए गए हैं जिनका कोई ठिकाना नहीं है। ये सभी नाम वोटर लिस्ट में दर्ज हैं, लेकिन सत्यापन के दौरान न तो ये अपने पते पर मिले और न ही आस-पड़ोस के लोगों ने इनकी जानकारी दी।
फर्जी पते, गायब मतदाता
सूत्रों के मुताबिक, इन 11 हजार संदिग्ध मतदाताओं में बड़ी संख्या में अवैध विदेशी अप्रवासी हो सकते हैं। BLO द्वारा घर-घर जाकर किए गए सर्वे में सामने आया कि कई जगहों पर मतदाता के नाम पर दर्ज पते पर कोई मकान ही नहीं है। कई मामलों में पता पूरी तरह से फर्जी पाया गया है।
32 लाख लोगों ने नहीं भरे फॉर्म
चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बताया कि करीब 32 लाख ऐसे रजिस्टर्ड मतदाता हैं जिन्होंने अब तक अपने नामांकन फॉर्म ही नहीं जमा किए हैं। आयोग को आशंका है कि इनमें भी कुछ फर्जी और अवैध मतदाता शामिल हो सकते हैं। इससे पहले 13 जुलाई को भी यह बात सामने आई थी कि SIR अभियान के दौरान विदेशी नागरिक फर्जी दस्तावेजों के आधार पर वोटर लिस्ट में शामिल पाए गए थे।
चुनाव आयोग सख्त, होगी कार्रवाई
अधिकारियों का कहना है कि जिन लोगों के पते फर्जी पाए जाएंगे, उनके नाम मतदाता सूची से हटाए जाएंगे। साथ ही, अवैध रूप से नाम जोड़वाने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। आयोग का उद्देश्य मतदाता सूची को शुद्ध, पारदर्शी और त्रुटिरहित बनाना है।
प्रक्रिया अंतिम चरण में
गौरतलब है कि बिहार में 7.90 करोड़ मतदाता रजिस्टर्ड हैं, जिनमें से 95.92% यानी लगभग 7.58 करोड़ मतदाताओं का सत्यापन हो चुका है। अभी भी करीब 42 लाख नामों का सत्यापन बाकी है। आयोग के अनुसार, SIR अभियान अपने अंतिम सप्ताह में पहुंच चुका है और अब मात्र 5 दिन की प्रक्रिया शेष है।
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