पुरुषोत्तम पात्र,गरियाबन्द. जिले के अमली के 109 मतदाता पहाड़ी के रास्ते 15 किमी दूरी तय कर इंदागांव पहुंचकर मतदान किया. बोले सड़क पुलिया बनेंगे इसी उम्मीद से पिछले 65 साल से इसी तरह मतदान करते आ रहे. वहीं सड़क पुलिए की मांग को लेकर परेवपाली के 397 मतदाताओं ने बहिस्कार कर अपनी जिद्द पूरा किया.

नेशनल हाइवे पर मौजूद इंदगांव का आश्रित ग्राम अमली पहाड़ों के ऊपर बसा है. ढाई सौ की आबादी वाले इस गांव में 120 ग्रामीणों को मताधिकार प्राप्त है. आज 109 मतदाता पैदल 15 किमी चल कर इंदागाव पहुंचकर मतदान किया. इनमे 6 माताओं के गोद में दूध मुँहे बच्चे भी थे. महिला मतदाताओं ने बताया कि सुबह 4 बजे से उठकर वे आने की तैयारी कर लिए थे. गांव के बड़े बच्चे व बुजुर्गों की देख रेख में कुछ लोग गांव में मौजूद रहे. भोर 5 बजे कड़कड़ाती ठंड में सफर तय किए, ढाई घण्टे बाद साढ़े 7 बजे वे मतदान स्थल तक पहुंच गए थे. लौटने में देर शाम न ढल जाए इसलिए 1 बजे तक मतदान कर लिए थे.

विकास की उम्मीद में हर बार मतदान

गांव के मुखिया राजमन नेताम, भागीरथी पटेल ने बताया कि दुपहिया से ओडिशा के रास्ते 28 किमी का सफर तय करके आना होता है. बीच में पड़ने वाले उदंती नदी के कारण बारिश में आना जाना नहीं होता. ज्यादातर लोग पहाड़ों के पगडंडियों के सहारे पैदल आना जाना करते हैं. प्राथमिक स्कूल है पर शिक्षक नहीं, मिडिल स्कूल पढ़ाने इंदगांव भेजना होता है. राशन के लिए भी पैदल इंदागांव आना होता है. राजमन ने कहा कि इन समस्याओं को दूर करने सभी जगह आवेदन किया गया है. सरकारें बदली, विधायक बदले, लेकिन समस्या जस की तस है. ग्रामीण हर बार विकास की उम्मीद पर मतदान करते आ रहे हैं.

जिद्द पर अड़े रहे, चुनाव बहिस्कार कर दिया

अमली के ग्रामीणों के सोच के ठीक विपरीत यहां के परेवापाली गाँव मे सड़क पुलिया की मांग को लेकर ग्रामीणों ने चुनाव का बहिस्कार कर दिया. 397 मतदाताओं ने 9 अक्टूबर को बहिष्कार का एलान किया था. उस वक्त किसी ने सुध नहीं लिया. तीन दिन पहले बीजेपी व कांग्रेस प्रत्याशी गाँव पहुंचकर समस्या सुलझाने आश्वस्त किया था, लेकिन ग्रामीण बहिष्कार पर अडिग रहे. आज एसडीएम निर्भय साहू अमले के साथ पहुंच ग्रामीणों को समझाइश की पूरी कोशिश किए पर ग्रामीण नहीं माने. शाम 5 बजे तक बूथ में सन्नाटा पसरा रहा.