कुमार इंदर,जबलपुर। मध्यप्रदेश में या फिर यूं कहें कि इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ होगा कि किसी जिले से चार-चार सांसद और चार-चार विधायक होने के बावजूद वोटिंग प्रतिशत में बढ़त के बजाए कमी देखी गई. जबलपुर में चार चार सांसदों और और 4 विधायकों के वोट डालने के बाद भी वोट प्रतिशत बढ़ने के बजाए वोटिंग प्रतिशत घटकर 60% रह गया. 6 जुलाई को हुए निकाय चुनाव में आखिर जिन चार सांसदों ने जबलपुर में वोट किया है उनके नाम क्या है. सबसे पहले बात करेंगे कांग्रेस से राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा इन्होंने भी जबलपुर में निकाय चुनाव के दौरान वोट डाला. बीजेपी से राज्यसभा सांसद सुमित्रा बाल्मीकि ने भी जबलपुर में वोट डाला. दमोह से सांसद और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने भी जबलपुर में वोट डाला. जबलपुर से बीजेपी सांसद राकेश सिंह ने भी जबलपुर में वोट डाला है.
जबलपुर से बीजेपी विधायकों ने डाला वोट
जबलपुर शहरी क्षेत्र से 4 विधायकों ने भी निकाय चुनाव में वोट किया. जिसमें कांग्रेस विधायक लखन घनघोरिया, कांग्रेसी विधायक तरुण भनोट, कांग्रेस विधायक विनय सक्सेना, बीजेपी विधायक अशोक रोहाणी, बीजेपी विधायक सुशील इंदु तिवारी इन लोगों ने भी नगरी निकाय चुनाव के लिए 6 तारीख को अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया.
विधानसभा वार ये रहा मत प्रतिशत
6 जुलाई को जबलपुर में निकाय चुनाव के लिए डाले गए वोट का विधानसभा वार आंकड़ा कुछ इस तरह है. सबसे ज्यादा मध्य विधानसभा में 63.54% वोट पड़े है. मध्य विधानसभा से विनय सक्सेना कांग्रेस से विधायक है. वहीं पूर्व विधानसभा में जहां से 60.38% मतदान किया गया. पूर्व से लखन घनघोरिया कांग्रेस विधायक है. वहीं पश्चिम विधनसभा से 57% मतदान हुआ है, जहां से कांग्रेस विधायक तरुण भनोट आते हैं, जबकि कैंट विधानसभा में 57% मतदान हुआ है. जहां से बीजेपी विधायक अशोक रोहाणी हैं.
प्रत्याशियों के वार्ड वार मतदान की स्थिति
बीजेपी से मेयर प्रत्याशी डॉ. जितेंद्र आमदार के वार्ड सुभद्रा कुमारी चौहान वार्ड में 60.4% मतदान, कांग्रेस से मेयर प्रत्याशी जगत बहादुर सिंह अन्नू के नरसिंह वार्ड में 60.25 मतदान, जबलपुर से चौथी बार सांसद राकेश सिंह के वार्ड सुभाष चंद्र में 45.87% मतदान, कई बार से सांसद और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के शहीद गुलाब सिंह वार्ड में 49.12% मतदान. दूसरी बार के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा के स्वामी दयानंद सरस्वती वार्ड में 54.96% मतदान.
पहली बार राज्यसभा सांसद सुमित्रा बाल्मीकि के डॉक्टर अंबेडकर वार्ड में 57.65% मतदान, बीजेपी से दो बार विधायक अशोक रोहाणी के सुभाष चंद्र बनर्जी वार्ड में 45.87% प्रतिशत मतदान, कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री तरुण भनोट के पंडित बनारसीदास वार्ड में 57.16% मतदान, कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री लखन घनघोरिया के जवाहर गंज वार्ड में 58.81% मतदान. वहीं कांग्रेस विधायक विनय सक्सेना के पंडित जवाहरलाल नेहरु वार्ड में सबसे कम 40.व 64% मतदान हुआ है.
कुछ इस तरह था पिछला मतदान
नगर निगम जबलपुर के साल 2015 में हुये मतदान में 62.90 प्रतिशत मतदान हुआ था. वहीं साल 2015 में कुल मतादाताओं की संख्या 8 लाख 90 हजार 131 थी. इनमें से करीब 5 लाख 59 हजार 89 मतदाताओं ने मताधिकार का इस्तेमाल किया था. नगर निगम के वर्ष 2015 में हुए चुनाव में महापौर पद के लिये सात और सभी 79 वार्डों से पार्षद पद के लिये 403 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे. जबकि इससे पहले यानि साल 2009 में हुए नगर निगम के चुनाव में 57 फीसदी मतदान हुआ था और लगभग 3 लाख 91 हजार मतादाताओं ने मतदान में हिस्सा लिया था.
वोटिंग प्रतिशत कम होने के कई कारण
निकाय चुनाव में कम मतदान के पीछे कई सारे कारण है. जिसमे सबसे अहम बेतरतीब तरीके से खुदा पड़ा शहर, निगमों और सरकारी दफ्तरों में बाबूओं और अधिकारियों की मनमानी, बेतहसा बढ़ती महंगाई, नेताओं की बेरुखी, वोटर लिस्ट में भारी गड़बड़ी जैसे कारणों से भी मतदान का प्रतिशत पिछड़ा है.
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