रायपुर. बड़े-बुजुर्ग हमें हरी घास पर नंगे पांव चलने के लिए कहती है. हमारी दादी-नानी के समय लोग ऐसा करते थे, लेकिन आधुनिक भागदौड़ भरी जिंदगी में ऐसा बहुत कम लोग ही कर पाते हैं. किसी के पास समय नहीं रहता. हालांकि अगर व्यस्त समय से सुबह का कुछ पल निकालकर यदि आप हरी घास पर नंगे पांव चलेंगे तो इसके कमाल के फायदे होंगे.
यह बात तो सभी जानते हैं कि सुबह की सैर हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद है. हरी घास पर नंगे पैर चलने से शारीरिक और मानसिक तनाव दूर हो सकता है. यह एक तरह का व्यायाम भी है.
अच्छे स्वास्थ्य के लिए सुबह-सुबह टहलना बहुत महत्वपूर्ण होता है. सिर्फ वॉक कितनी देर की जाए, इस बात पर ध्यान देने से ही फायदा नहीं होता बल्कि ये भी सोचना चाहिए कि वॉक कहां किया जाए. वॉक के लिए पार्क जाइये और हरियाली देखिये. हरियाली के बीच सुबह का टहलना न केवल तनाव से मुक्ति दिलाता है, बल्कि दिल के लिए भी अच्छा है.
टेंशन से मिलती है मुक्ति
आप जितनी देर और जितना अधिक हरियाली के बीच रहेंगे, उतने ही स्वस्थ और टेंशनमुक्त रहेंगे. हरियाली का प्रभाव हमें सुरक्षा का एहसास दिलाता है, जो धीरे-धीरे मांसपेशियों का खिंचाव कम करता है और तनावरहित बनाता है. ग्रीन थेरेपी से मस्तिष्क की शक्ति भी बढ़ती है.
डायबिटीज में उपयोगी
डायबिटीज के मरीज के लिए हरियाली के बीच बैठना, टहलना और उसे देखना बहुत अ’छा होता है. ऐसे लोगों में कोई भी घाव आसानी से नहीं भरता, परंतु मधुमेह रोगी यदि हरियाली के बीच रहकर नियमित गहरी सांस लेते हुए टहले तो शरीर में ऑक्सीजन की पूर्ति होने से समस्या से निजात पाया जा सकता है.
आंखों की ज्योति होती है तेज
सुबह-सुबह ओस में भीगी घास पर नंगे पैर चलने से आंखों की ज्योति भी तेज होती है. जो लोग चश्मा लगाते है कुछ दिन नंगे पैर हरी घास पर चलने से उनका चश्मा उतर जाता है या चश्मे का नंबर कम हो जाता है. ये भी ग्रीन थेरेपी का चमत्कार है.
प्रदूषित वायु से बचाव
जो लोग देर तक प्रदूषित वायु के संपर्क में रहते है, उनमें सांस रोग होने की संभावना ज्यादा होती है, यह वायु उनके मस्तिष्क पर भी असर डालती है. व्यक्ति में याद रखने की क्षमता घटने लगती है. यहां भी ग्रीन थेरेपी काम आती है. यदि आप अपने कार्यस्थल के आसपास हरियाली रखेंगे, तो प्रदूषणकारी तत्व आप तक नहीं पहुंच पाएंगी.
हाई ब्लड प्रेशर में लाभदायक
उच्च रक्तचाप के सभी रोगियों को प्रतिदिन सूर्योदय के समय भ्रमण के लिये किसी पार्क में जाकर एक घंटे शुद्ध वायु के वातावरण में प्रतिदिन बैठने व इसी अवधि में ओस पड़ी हरी घास पर कुछ समय नंगे पैर नियमित चलने से पर्याप्त लाभ मिलता है.
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