आज भी लोग पुरानी और रुढ़िवादी सोच से निकल नहीं पाए हैं. मोहब्बत करने वालों को नफरत भरी नजर से देखी जाती है. आज भी जाति-धर्म की दीवार प्यार करने वालों के बीच खड़ी है. इस समाज में आज भी विधवा विवाह को अच्छा नहीं माना जाता है. एक युवक को 30 साल की विधवा महिला से इश्क हो गया. दोनों जीवन भर के लिए एक-दूसरे का होना चाहते थे, लेकिन यह रिश्ता घर वालों को पसंद नहीं था. परिजन इसका विरोध करने लगे. इससे परेशान होकर प्रेमी युगल ने एक साथ फांसी लगाकर जान दे दी.

पूरा मामला चित्रकूट में सीतापुर क्षेत्र का है. गांव रानीपुर खाकी में प्रेमी युगल ने एक साथ फांसी लगाकर जान दे दी. मांग में सिंदूर और बिछिया पहन कर फांसी से लटकी महिला विधवा थी. सजातीय न होने से घरवाले दोनों की शादी के लिए राजी नहीं थे. ऐसे में दोनों ने एक साथ मौत को गले लगा लिया. सूचना पर पहुंची पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा. रानीपुर खाकी गांव की महिला सुनीता देवी (30) के पति साधु मौर्य की तीन साल पहले बीमारी के चलते मौत हो गई थी. उसके बाद वह मायके रानीपुर खाकी में रहने लगी. उसके सात साल की बेटी प्रीति भी है. महिला का गांव के ही कैलाश यादव के साथ काफी दिनों से प्रेम प्रसंग चल रहा था.

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दोनों शादी करना चाहते थे, लेकिन सजातीय न होने से घरवाले राजी नहीं थे. सोमवार सुबह दोनों का शव सुनीता के घर पर फांसी से लटकते मिले. चौकी प्रभारी प्रवीण सिंह ने बताया कि महिला ने सुहागन का श्रंगार कर रखा था. ग्रामीणों ने दोनों के प्रेम संबंध होने की बात बताई है. शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है.पुलिस इस मामले में जांच कर रही है.

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