कुंदन कुमार/पटना: इंडिया गठबंधन ने बिहार में चुनाव आयोग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के नेतृत्व में पूरा विपक्ष एकजुट हुआ. वहीं, इसको लेकर पक्ष और विपक्ष के कई नेताओं ने कई सारी बातें सोशल साइट एक्स पर लिखकर पोस्ट किया है और अपनी नाराजगी भी जाहिर की.
तेजस्वी यादव ने लिखा
बिहार में मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन(S.I.R) पर राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि 5 जुलाई को हमने चुनाव आयोग से मुलाकात की थी और उनके समक्ष अपने सवाल रखे थे. चिंता की बात यह है कि हमें अभी तक चुनाव आयोग से कोई स्पष्टता नहीं मिली है. आप सभी जानते हैं कि बिहार चुनाव आयोग केवल डाकघर के रूप में काम करता है और उसके पास जवाब देने का कोई अधिकार नहीं है. कल चुनाव आयोग ने 3 अलग-अलग निर्देश जारी किए. इससे साबित होता है कि चुनाव आयोग भ्रमित है.
असदुद्दीन ओवैसी ने लिखा
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार में मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (S.I.R) को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर कहा कि हम अपनी पार्टी में बैठकर चर्चा करेंगे और इस पर फैसला लेंगे. हम सिर्फ इतना कहना चाहते हैं कि इतने कम समय में आप S.I.R. कैसे कर पाएंगे, आप उन लोगों का जन्म प्रमाण पत्र क्यों मांग रहे हैं, जिन्होंने अपना पता बदल लिया है, जो अब कहीं और चले गए हैं. बिहार में कुछ नहीं हुआ, रोजगार नहीं है, इसलिए वे लोग मजबूरी में बाहर गए. हमने ये सारी समस्याएं चुनाव आयोग के सामने रखी हैं. अगर जल्दबाजी में 15-20% लोगों के भी नाम छूट गए, तो ये नागरिकता का मामला बन जाएगा. इसलिए हम कहते हैं कि हम S.I.R. के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन समय तो दीजिए.
पवन खेड़ा ने लिखा
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने बिहार में मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (S.I.R) को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर कहा कि चुनाव आयोग ने इसका मजाक बना दिया है, पहले वे एक विज्ञापन जारी करते हैं और फिर वे खुद उसी विज्ञापन के खिलाफ बयान देते हैं. हम बार-बार आवाज उठा रहे हैं कि आप 25-30 दिनों में यह कार्रवाई कैसे कर सकते हैं, जब पिछली बार इसमें 1 साल लगा था. आप मानसून के 25 दिनों में यह कार्रवाई कैसे करेंगे? इसलिए हमें सुप्रीम कोर्ट में अपनी आवाज उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा है. यह चोरी है, चुनाव आयोग गरीब आदमी का वोट चुराने की साजिश रच रहा है.
मृत्युंजय तिवारी ने लिखा
राजद नेता मृत्युंजय तिवारी ने बिहार में मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (S.I.R) को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर कहा कि जिस तरह से चुनाव आयोग की भूमिका संदिग्ध दिखी, चुनाव आयोग की मंशा पर सवाल उठ रहे है. ये लोकतंत्र है, राजद सुप्रीम कोर्ट गया. 9 तारीख को बिहार में चक्का जाम होगा, हम बिहार में वोट का अधिकार किसी को छीनने नहीं देंगे. ऐसा नहीं हो सकता. बिहार में निष्पक्ष चुनाव कराना चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है और अगर यही चुनाव आयोग भाजपा के इशारे पर काम करने लगे, तो लोकतंत्र में प्रतिकार स्वाभाविक है और प्रतिकार मजबूती से किया जा रहा है.
मनोज झा ने लिखा
RJD सांसद मनोज झा ने बिहार में मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (S.I.R) को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने की संभावना पर कहा कि हमने मुख्य चुनाव आयुक्त और बाकी दो चुनाव आयुक्तों से अपील की, छोटे-छोटे सवाल पूछे, हमने कहा कि 22 साल में ऐसा नहीं हुआ, हमने उनसे कहा कि जब आपने कार्यभार संभाला था, तो आपने कहा था कि मेरे सारे फैसले राजनीतिक दलों से बात करने के बाद होंगे, तो आपने किससे बात की? आपने सिर्फ एक से बात की और वही काफी था? आपने कहां से तय कर लिया कि 25 दिनों के अंदर सिर्फ 11 दस्तावेज ही वैध होंगे और बाकी सभी अवैध होंगे. ये बेदखली की योजना है, पूरा बिहार इसे वोटबंदी कह रहा है. इस संदर्भ में हमने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि सबसे मौलिक अधिकार, वोट के अधिकार पर काले बादल मंडरा रहे हैं, इसे रोकें.
केसी त्यागी ने लिखा
जेडीयू नेता केसी त्यागी ने आरजेडी और टीएमसी द्वारा बिहार मतदाता सूची संशोधन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिए जाने पर कहा कि चुनाव आयोग ने कई मौकों पर स्पष्ट किया है कि वह कमियों और खामियों को दूर करने के लिए काम कर रहा है. अब सत्यापन के लिए केवल आधार कार्ड ही पर्याप्त है.
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