अभिषेक सेमर, तखतपुर। हाई कोर्ट के स्वतः संज्ञान के बाद जिले में बढ़ते मलेरिया और डायरिया के प्रकोप से निपटने के लिए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं। बिलासपुर कलेक्टर अवनीश कुमार शरण के नेतृत्व में किए जा रहे प्रयासों का उद्देश्य मलेरिया और डायरिया से पीड़ित मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराना है। बावजूद इसके, तखतपुर में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही थमने का नाम नहीं ले रही है। आधा दर्जन से ज्यादा स्वास्थ्य कर्मियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।

यह मामला बिलासपुर जिले के तखतपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है, जहां डॉक्टर और कर्मचारी नियमित रूप से अपने ड्यूटी से नदारद रहते हैं और कार्य में लापरवाही बरतते हैं। तखतपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. उमेश साहू ने इस संबंध में एक दर्जन से अधिक लापरवाह स्वास्थ्य कर्मियों और एक डॉक्टर को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। जवाब संतोषजनक न मिलने पर उच्च अधिकारियों के मार्गदर्शन में उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।

खंड चिकित्सा अधिकारी साहू ने कहा, “यह बड़ी लापरवाही है और इसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मैं स्वयं सभी प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षण करूंगा ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाही न हो।”

तखतपुर एसडीएम ज्योति पटेल ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण किया, जिसमें चौकाने वाले मामले सामने आए। कई स्वास्थ्य कर्मी ड्यूटी से गायब थे और उनके द्वारा उपस्थिति पंजी में आने वाले दिनों की उपस्थिति पहले से ही दर्ज कर दी गई थी। एसडीएम ज्योति पटेल ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा, “कर्मचारी अपने मनमर्जी से डे और नाइट ड्यूटी करते हैं और अक्सर ड्यूटी से गायब रहते हैं। इस लापरवाही के लिए स्वास्थ्य कर्मियों को नोटिस जारी किया गया है और जिला चिकित्सा अधिकारी को भी इसकी जानकारी दी गई है।”

मेडिकल लैब से टेक्नीशियन सहित लगभग 5 कर्मचारी मिले नदारद

लल्लूराम डॉट कॉम की टीम ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण किया तो पाया कि मेडिकल लैब से टेक्नीशियन सहित लगभग 5 कर्मचारी गायब थे, जिससे वहां लैब में जांच नहीं हो पा रही थी और ना ही जांच रिपोर्ट मिल पा रही थी। इससे मरीजों को काफी परेशानी और सही इलाज नहीं मिल पा रहा था। अस्पताल के एक स्टाफ ने बताया कि एसडीएम के निरीक्षण के बाद लैब से टेक्नीशियन को दोबारा नोटिस जारी किया गया, लेकिन वह फिर ड्यूटी में नहीं आया। ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं कि स्वास्थ्य विभाग मौसमी बीमारियों के प्रति कितना गंभीर है।

आम लोगों को हो रही परेशानी

इस दौरान अपने बेटे के इलाज के सिलसिले में स्वास्थ्यकेंद्र पहुंची नगोइ निवासी ग्रामीण महिला शकुंतला ने बताया, “मेरे बेटे का ब्लड टेस्ट एक दिन पहले करवाया गया था जिसका रिपोर्ट आज भी नहीं मिला और मौके पर मेडिकल लैब टेक्नीशियन गायब था। इससे हमें काफी परेशानी हो रही है।”

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