दिल्ली में वेयरहाउस पॉलिसी (Warehouse policy) जल्द ही लागू होने जा रही है, जिसके लिए ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है. इस पॉलिसी के अंतर्गत वेयरहाउस संचालकों को विभिन्न प्रकार की सब्सिडी प्रदान करने का प्रस्ताव है. दिल्ली के उद्योग मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा(Manjindar Singh Sirsa) ने जानकारी दी कि इस पॉलिसी के तहत दिल्ली के बाहरी क्षेत्रों में तीन आधुनिक अर्बन कंसॉलिडेशन और लॉजिस्टिक्स डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर (यूसीएलडीसी) भी स्थापित किए जाएंगे. दिल्ली सरकार शीघ्र ही इस पॉलिसी पर जनता से सुझाव प्राप्त करेगी.

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सिरसा ने बताया कि लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग पॉलिसी-2025 के ड्राफ्ट में ऐसे उपाय शामिल हैं, जो दिल्ली में ट्रैफिक जाम को कम करने के साथ-साथ प्रदूषण में कमी और व्यापार की कार्यक्षमता को बढ़ाने में सहायक होंगे.

सरकार डेडिकेटेड लॉजिस्टिक्स हब, ग्रीन फ्रेट कॉरिडोर और तकनीकी समाधान लागू करने की दिशा में सक्रिय है. उन्होंने बताया कि जनता से प्राप्त सुझावों और आपत्तियों के निस्तारण के बाद वेयरहाउस पॉलिसी का अंतिम नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा. यह पॉलिसी उद्योग विभाग द्वारा तैयार की गई है, जिसमें नियमों को सरल बनाने, आधुनिक लॉजिस्टिक्स तकनीक को शामिल करने और संसाधनों के उन्नयन पर जोर दिया गया है. इसका उद्देश्य दिल्ली की सप्लाई चेन में वर्षों से मौजूद खामियों को दूर करना है.

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प्रदूषण घटेगा और पर्यावरण को लाभ होगा

ड्राफ्ट पॉलिसी में वेयरहाउसिंग क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए सब्सिडी और प्रोत्साहनों का प्रावधान किया गया है. शहरी भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों से वेयरहाउस को स्थानांतरित करने पर लीज में छूट दी जाएगी. इसके अलावा, नई तकनीकों, कोल्ड चेन और स्टोरेज अपग्रेड के लिए वित्तीय सहायता का प्रस्ताव है. विशेष रूप से, ग्रीन एनर्जी उपायों जैसे सौर पैनल, इलेक्ट्रिक या सीएनजी वाहनों के उपयोग और ऊर्जा-कुशल भवन डिज़ाइन पर अतिरिक्त प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा. इससे प्रदूषण में कमी आएगी और पर्यावरण को लाभ होगा, जिससे लोगों को भी काफी फायदा होगा और वायु गुणवत्ता में सुधार होगा.

मॉडल शॉप्स एक्ट में संशोधन किया जाएगा ताकि 24 घंटे संचालन को बढ़ावा मिल सके. इसके साथ ही, ट्रक मूवमेंट को नियंत्रित करने के लिए एक डिजिटल डिलीवरी सिस्टम लागू किया जाएगा. पीपीपी मॉडल के तहत पार्किंग और लोडिंग बे का विकास किया जाएगा, जिससे सुविधाओं में सुधार होगा. यूसीएलडीसी के माध्यम से कार्गो का एकीकरण किया जाएगा और ग्रीन वाहनों से डिलीवरी सुनिश्चित की जाएगी. इसके अतिरिक्त, ट्रेड और स्थापना लाइसेंस का एकीकरण किया जाएगा, जिससे वेयरहाउसिंग में सहूलियत बढ़ेगी.