कुमार इंदर,जबलपुर। लोगों को स्वास्थ्य लाभ देने के लिए शासन की मंशा अनुरूप जबलपुर के जिला अस्पताल में 2 दिन यानी 13 और 14 मई तक का स्वास्थ्य शिविर लगाया गया. लेकिन यह स्वास्थ्य शिविर महज पैसों की बर्बादी साबित हुई. क्योंकि स्वास्थ्य शिविर में जिस हिसाब से लोगों को पहुंचना था, लोग पहुंच नहीं पाए. साथ ही जो लोग पहुंचे भी तो उन्हें न तो समय पर डॉक्टर उपलब्ध हो पाए और ना ही उनकी समस्या का समाधान हो पाया. स्वास्थ्य शिविर में पहुंचने वाले मरीज घंटों डॉक्टर का इंतजार कर रहे है. जब कुछ मरीजों को डॉक्टर मिले भी तो महज रस्म अदायगी कर दी गई.
बिजली की भी हुई जमकर बर्बादी
एक तरफ प्रदेश में बिजली संकट छाया हुआ है. वहीं दूसरी ओर इस स्वास्थ शिविर में बिजली की भी जमकर बर्बादी देखने को मिली. खाली शिविर में दर्जन भर भारी भरकम कूलर घूमते बिना वजह ही चलते रहे. ख़ाली कुर्सियों और सोफे के बीच बड़े बड़े कूलर फर्राटे के साथ चलते रहे.
जिला अस्पताल में शिविर का क्या काम?
बड़ा सवाल यह उठता है कि जिस जिला अस्पताल में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया. उस जिला अस्पताल में पहले से ही सारे इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद है. यानी कि सारे डिपार्टमेंट, डॉक्टर, दवाइयां मेडिकल इक्विपमेंट आदि आदि सब कुछ जिला अस्पताल में ही मौजूद है, तो फिर यह स्वास्थ्य शिविर जिला अस्पताल में लगाने का क्या औचित्य रह जाता है. लोगों का कहना है कि यही शिविर अगर किसी दूरांचल में लगाया जाता, तो लोगों को इस शिविर का ज्यादा लाभ मिलता. क्योंकि देखने में आया है कि इस शिविर में दूर-दूर से जैसे पनागर, मझौली ,करमेता, बायपास से लोग पहुंचे हुए थे. लोगों का कहना है कि यदि ये शिविर उनके इलाके में लगाया जाता तो शायद लोगों को ज्यादा फायदा पहुंचता.
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