Waste to Road Project India: ऑटो डेस्क. भारत में सड़क निर्माण का स्तर पिछले कुछ सालों में काफी तेजी से बेहतर हुआ है. केंद्र सरकार लगातार देश के हर कोने में आधुनिक और मजबूत सड़कों का जाल बिछाने में जुटी है. इसी दिशा में अब एक और बड़ा कदम उठाया जा रहा है. देश में अब सड़कों के निर्माण में कूड़े-कचरे का भी इस्तेमाल किया जाएगा. इस बारे में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने खुद जानकारी दी है.

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Waste to Road Project India

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सड़क निर्माण में कचरे का उपयोग जारी रहेगा (Waste to Road Project India)

एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि सरकार ने सड़कों को पर्यावरण के अनुकूल और सस्टेनेबल बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं. उन्होंने कहा कि अब नई सड़कों के निर्माण में कचरे और अपशिष्ट पदार्थों का उपयोग जारी रहेगा.

गडकरी ने कहा कि अभी तक करीब 80 लाख टन कचरे का उपयोग सड़क निर्माण में किया जा चुका है. मंत्रालय का लक्ष्य है कि साल 2027 तक देश में मौजूद सभी ठोस कचरे का उपयोग सड़कों के निर्माण में किया जाए.

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दिल्ली के कचरे के पहाड़ों का जिक्र (Waste to Road Project India)

कार्यक्रम के दौरान गडकरी ने दिल्ली में मौजूद कचरे के बड़े-बड़े पहाड़ों की ओर भी ध्यान दिलाया. उन्होंने कहा, “दिल्ली में ऐसे चार पहाड़ हैं जिन्हें देखकर अच्छा नहीं लगता. हम चाहते हैं कि इन सभी जगहों के कचरे का उपयोग सड़क निर्माण में किया जाए ताकि पर्यावरण को भी राहत मिले और देश को टिकाऊ विकास की दिशा में आगे बढ़ाया जा सके.”

भारत की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री पर भी बोले गडकरी

नितिन गडकरी ने इस मौके पर भारत की तेजी से बढ़ती ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री पर भी बात की. उन्होंने कहा कि आने वाले पांच सालों में भारत की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री दुनिया में सबसे बड़ी बनने की ओर बढ़ रही है.

फिलहाल भारत की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का आकार करीब 22 लाख करोड़ रुपये का है, जिससे भारत इस समय दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल बाजार बन गया है. गडकरी के मुताबिक, आने वाले वर्षों में भारत अमेरिका और चीन को भी पीछे छोड़ सकता है.

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सड़क निर्माण में पर्यावरण की भूमिका महत्वपूर्ण (Waste to Road Project India)

केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि सड़क निर्माण केवल विकास का प्रतीक नहीं है, बल्कि अब इसे पर्यावरण संरक्षण से जोड़ना भी जरूरी है. कचरे का उपयोग सड़कों में करने से न केवल लागत घटेगी बल्कि प्रदूषण में भी कमी आएगी.

भारत सरकार अब सड़क निर्माण को एक नए रूप में बदल रही है – जहां विकास के साथ पर्यावरण की सुरक्षा भी प्राथमिकता है. नितिन गडकरी के इस कदम से न केवल स्वच्छ भारत मिशन को बल मिलेगा, बल्कि देश को टिकाऊ विकास के नए रास्ते भी मिलेंगे.

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