जयपुर। एनएसयूआई की ओर से शुक्रवार को जयपुर में अरावली बचाओ अभियान के संदर्भ में एक विशाल पैदल मार्च निकला। इस पैदल मार्च में प्रदेश भर से आए एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं के अलावा पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण में कार्य कर रहे विभिन्न संगठन से जुड़े लोगों ने भी अपनी उपस्थिति दिखाई। इसके अलावा कांग्रेस पार्टी के नेता सचिन पायलट भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए। बड़ी बात यह रही की इस पैदल मार्च में कांग्रेस पार्टी के कई कार्यकर्ता और एनएसयूआई के कार्यकर्ता सचिन पायलट की फोटो और अरावली पर्वतमाला सेंट्रल संबंधी अंकित टी-शर्ट पहने हुए थे, इसलिए लोगों में चर्चा होती रही कि यह अरावली बचाओ अभियान है या सचिन पायलट का शक्ति परीक्षण फिलहाल इस कार्यक्रम का आयोजन एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष विनोद जाखड़ की अगुवाई में किया गया था और विनोद जाखड़ सचिन पायलट के काफी नजदीकी नेता माने जाते हैं।

  इस कार्यक्रम में चाकसू विधानसभा क्षेत्र से भी बड़ी संख्या में कांग्रेस जन शामिल हुए कार्यक्रम में उस समय विवाद की स्थिति बन गई, जब जालूपुरा में इस कार्यक्रम के लिए नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल के सरकारी आवास के सामने मंच बनाया जा रहा था तो बेनीवाल ने अपने आवास के सामने मंच स्थापित करने से एतराज जताया। जिसके बाद बेनीवाल के सरकारी आवास से करीब 200 मीटर दूर एनएसयूआई की ओर से मंच स्थापित किया गया। एनएसयूआई का यह पैदल मार्च जालूपुरा से कलेक्ट्री सर्किल तक पहुंच इस पैदल मार्च में शामिल युवाओं के हाथों में बैनर पोस्टर थे जिन पर अरावली बचाओ, पर्यावरण बचाओ, जीवन बचाओ जैसे नारे लिखे हुए थे। इसके अलावा पैदल मार्च में शामिल लोग नारेबाजी करते हुए आगे बढ़ रहे थे

क्या कहा सचिन पायलट ने ?

इस मौके पर सचिन पायलट ने अपने भाषण में कहा कि अरावली बचाओ अभियान वर्तमान में समय की जरूरत है और अगर अरावली पर्वतमाला को नहीं बचाया गया तो आने वाले समय में गंभीर चुनौतियां और गंभीर परेशानी मानव प्रजाति के सामने खड़ी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इस अभियान में सभी को एकजुट होकर खुलकर विरोध करना चाहिए। पायलट ने कहा कि यह मुद्दा राजनीति का मुद्दा नहीं है बल्कि यह जीवन बचाने, पानी बचाने, पर्यावरण बचाने, का मुद्दा है। इसलिए इस मुद्दे पर सभी को एक साथ होकर लड़ाई लड़ने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि एनएसयूआई की ओर से आयोजित किया गया यह पैदल मार्च निश्चित रूप से अरावली बचाओ अभियान के लिए शुरू किए गए आंदोलन को मजबूती देगा। कार्यक्रम में एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष विनोद जाखड़ ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की भजनलाल सरकार दोनों अरावली पर्वतमाला को खनन माफिया के हाथों में देना चाहते हैं, लेकिन एनएसयूआई दमदार तरीके से भाजपा सरकार की इस नीति का विरोध करेगी और जब तक अरावली पर्वतमाला में खनन पर पूरी पाबंदी नहीं लगा दी जाती तब तक एनएसयूआई सड़कों पर लगातार अपना आंदोलन करती रहेगी।

खनन की अनुमति नहीं दी जाएगी…

भारतीय जनता पार्टी के नेता साफ कह रहे हैं कि केंद्र सरकार ने स्पष्ट तौर पर कह दिया है कि अरावली पर्वतमाला में खनन की अनुमति नहीं दी जाएगी, लेकिन इसके बावजूद भी कांग्रेस पार्टी बेवजह इसको मुद्दा बना रही है और लोगों में भ्रम पैदा कर रही है। इस बीच कांग्रेस पार्टी की ओर से आज शनिवार को भी पूरे प्रदेश भर में जिला स्तर पर अरावली बचाओ अभियान को लेकर प्रदर्शन किया जाएगा। कांग्रेस पार्टी ने अरावली बचाओ अभियान और केंद्र सरकार की ओर से मनरेगा का नाम और कई तरह के परिवर्तन करने के विरोध में आंदोलन की विस्तृत कार्य योजना बना ली है। इसी कार्य योजना के तहत आज 27 दिसंबर को प्रदेश के सभी जिलों में पार्टी की ओर से प्रदर्शन किए जाएंगे। इसके अलावा 30 और 31 दिसंबर को ग्राम पंचायत स्तर पर कांग्रेस पार्टी की ओर से प्रदर्शन किए जाएंगे। क्योंकि मनरेगा योजना सीधा गांव से जुड़ी हुई है इसलिए ग्राम पंचायत स्तर पर कांग्रेस पार्टी प्रदर्शन करके केंद्र के मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा करने के प्रयास में है 28 दिसंबर को भी मंडल और ब्लॉक स्तर पर कांग्रेस पार्टी की ओर से प्रदर्शन किए जाने की बात कही जा रही है।