सत्यपाल राजपूत, रायपुर। राजधानी रायपुर में वॉटर ATM कबाड़ में तब्दील हो गए हैं. लाखों की मशीनें खराब पड़ी हैं. कबाड़ में तब्दील होकर सड़कों पर लावारिस हालत में पड़ी हैं. ठेकेदार और ज़िम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत से लाखों की मशीनें खराब हो गई. भिलाई के यूरो केयर एंटरप्राइजेस कंपनी को मेंटनेंस की ज़िम्मेदारी दी गई है, लेकिन निकम्मी कंपनी की वजह से लाखों की मशीनें खराब पड़ी हैं.

दरअसल, जिस मशीन से कम दामों में ग़रीब, यात्री अपना प्यास बुझाते थे, आज वो वॉटर ATM में अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत के कारण बली चढ़ गई है. चौंकाने वाली बात ये है कि लाखों की मशीन कंडम हो गई है. सड़क पर धूल खा रही हैं. इस बात से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि जो इस काम को कर रहे हैं, वो कितने लापरवाह और बेख़ौफ़ हैं.

पंडरी स्थित LIC भवन के कर्मचारियों अनिल साहू एवं आस पास में दुकान लगाने वाले अजय कुमार, दुर्गा ने बताया कि लगभग साल भर से ऐसे कंडम स्थिति में मशीन पड़ी हैं, ना इसको कोई सुधारने वाले आया है, न ही कोई देख रेख करता है.

वहीं स्मार्ट सिटी के सब इंजीनियर अनुराग पाटकर ने बताया कि रायपुर स्मार्ट सिटी के दायरे में अब 18 मशीनें अलग अलग जगह लगी हैं, जिसके मेंटनेंस के काम भिलाई के ठेका कंपनी यूरो केयर एंटरप्राइजेस को दिया गया है.

प्रति मशीन के मेंटनेंस के हिसाब से 70, हज़ार रुपये दिया जाता है. तीन मशीन ख़राब हैं, मशीन ख़राब इसलिए है कि लोग मशीन में पैसे की जगह गुटखे रैपर, अन्य सामान डालते हैं, मशीन को तोड़ फोड़ कर दिया गया है, जिसको ठीक करने के लिए ठेकेदार को कहा गया है. अगर वो ठीक नहीं करता है तो उस पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

वहीं चंद्रकांत वर्मा स्मार्ट सिटी के मैनेजिंग डायरेक्टर ने कहा कि रायपुर में नगर निगम और इस स्मार्ट सिटी का अलग अलग पेयजल की व्यवस्था की गई है. स्मार्ट सिटी के 18 वॉटर कूलर ATM लगाया गया है, जिसमें जानकारी मिली है कि तीन अभी और ख़राब स्थिति में हैं, जिसको मेंटनेंस करने की आवश्यकता है, जल्द ही ठीक कर लिया जाएगा.

अब सवाल ये उठता है कि जब मेंटेनेंस के लिए राशि निर्धारित है और मशीन महीनों से बंद पड़ा है. ऐसे में भी ठेकेदार बेख़ौफ़ हैं ये तो ऐसे में यह कहना ग़लत नहीं होगा कि अधिकारी और ठेकेदार के बीच सांठगांठ का खेल चल रहा है ? सांठगांठ नहीं है तो अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई सवाल यह भी उठता है ?