शब्बीर अहमद, भोपाल। एमपी के 3042 ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र जल संकट से जूझ रहे हैं। जल संकट के कारण इन स्वास्थ्य केंद्रों में न तो ढंग से इलाज हो पा रहा है और न ही प्रसव हो पा रहा है। इतना ही पानी कि किल्लत इसी से अंदाजा लगा सकते हैं कि मरीज और कर्मी  टॉयलेट तक का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। ये खुलासा स्वास्थ्य आयुक्त सुदाम खाड़े (Health Commissioner Sudam Khade) के पत्र से हुआ है।

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स्वास्थ्य आयुक्त सुदाम खाड़े ने अपर मुख्य सचिव सचिव मलय श्रीवास्तव (Chief Secretary Secretary Malay Srivastava) पत्र लिखकर ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों में जल संकट की जानकारी दी है। स्वास्थ्य आयुक्त सुदाम खाड़े ने पत्र में लिखा है कि प्रदेश के 41 जिलों के 3042 ग्रामीण स्वास्थ्य केन्द्रों जल संकट से जूझ रहे हैं। गर्मी के दिनों में स्थिति दयनीय हो जाती है। पत्र में साफ जिक्र है की प्रदेश के 3042 ग्रामीण स्वास्थ्य केन्द्रों पर जल संकट है।

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23 मार्च को लिखे पत्र में जल जीवन मिशन के तहत प्राथमिकता से नलजल कनेक्शन करने का जिक्र है। पत्र में लिखा है की जून 2020 में इन स्वास्थ्य केन्द्रो को जल जीवन मिशन के तहत कनेक्शन देने निर्णय लिया था। बावजूज इसके इसपर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। पत्र में विषय की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए जल संकट का सामना करने वाली इन स्वास्थ्य संस्थाओं में नल-जल कनेक्शन देने की मांग की है।

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