दिलशाद अहमद, सूरजपुर। सूरजपुर मुख्यालय के प्री मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास अस्थाई तालाब में तब्दील हो गया है. जिससे यहां रहने वाले 100 बच्चे का रहना दूभर हो गया है. मजबूरी में छात्रावास के बच्चों को हर काम गंदे पानी के बीच करना पड़ रहा है.

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पानी से भरे रूम में रहने को मजबूर बच्चे ना ढंग से पढ़ाई कर पा रहे, ना ही रह पा रहे हैं. रात में सांप-बिच्छू का डर भी बना रहता है. दरअसल, पानी निकासी की व्यवस्था नहीं होने के कारण छात्रावास परिसर में घुटने तक पानी भर जाता है. छात्रावास के कमरों में भी पानी भरा रहता है. ऐसे में छात्रों को घुटनों तक पानी से गुजर कर छात्रावास के अंदर आना-जाना पड़ता है.

जिला मुख्यालय के बीचों-बीच स्थित प्री मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास जर्जर हो चुका है. छात्रावास की टपकती छत और फटी दीवारों के कारण बच्चों के जीवन पर संकट हमेशा मंडराता रहता है. कमरों में चारों तरफ पानी ही पानी. हर काम गंदे पानी पर चलकर ही बच्चों को करना पड़ा रहा है.

इस बात की जानकारी जनपद पंचायत अध्यक्ष स्वाति सिंह को लगी तो उन्होंने छात्रावास पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया. इसके बाद तत्काल राहत देने के लिए बच्चों को कहीं और स्विफ्ट करने की निर्देश दिए हैं. वहीं विभागीय अधिकारियों ने जल्द नए भवन के लिए प्रस्ताव भेजने की बात कर रहे हैं.

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