जगदलपुर. छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में स्थित ऐतिहासिक दलपत सागर अब दूषित होते जा रहा है. नगर निगम की लापरवाही के चलते 5 से ज्यादा बड़े नालों का गंदा पानी सीधे दलपत सागर में जाकर उसे मैला कर रहा है. यही वजह है कि रियासत कालीन इस तालाब में जलकुंभीयां ही दिखाई पड़ती हैं. जलकुंभी को नष्ट करने विड हार्वेस्टिंग मशीन भी रोजाना चलाई जाती है. लेकिन गंदे पानी की वजह से यह जलकुंभी दुबारा पनप जाता है.

आपको बता दें, दलपत सागर तालाब को दूषित पानी से बचने के लिए बालिकोंटा में सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भी स्थापित किया गया है. करोड़ों रुपए खर्च कर इस ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना यह सोचकर की गई थी, ताकि शहर से निकलने वाला गंदा पानी इस ट्रीटमेंट प्लांट में पहुंचेगा और स्वच्छ होने के बाद ही पानी को तालाब या नदी में छोड़ा जाएगा. तालाबों और नदियों के रखरखाव और सफाई को लेकर भी NGT का साफ दिशा निर्देश है कि बगैर ट्रीटमेंट के नालों का गंदा पानी तालाबों और नदी में न जाए. लेकिन दलपत सागर को लेकर नियमों का उल्लंघन होते साफ देखा जा रहा है.

महापौर सफीरा साहू

वहीं इस मामले में कांग्रेस ने निगम पर दलपत सागर तालाब के प्रति उदासीन होने का आरोप लगाया है. वहीं एमआईसी सदस्य नर्सिंग राव का कहना है कि बारिश में नालों का पानी दलपतसागर में नहीं जाएगा तो दलपतसागर भरेगा कैसे! नगर निगम सीधे तौर पर NGT के गाइडलाइंस को दर किनार कर निगम अपनी मनमानी करती नजर आ रही है. जबकि शहर की महापौर सफीरा साहू का कहना है की शहर में हो रही बारिश के चलते नालों के जरिए ओवर फ्लो होकर पानी तालाब में जा रहा है.