भारत और हिन्दुओं के खिलाफ जहर उगलकर फील्ड मार्शल बने पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर ने एक बार फिर भारत को गीदड़भभकी दी है। उसने कहा है कि पानी के मुद्दे पर पाकिस्तान कोई समझौता नहीं करेगा। फील्ड मार्शल मुनीर ने पानी को 24 करोड़ पाकिस्तानियों का बुनियादी हक बताया। गुरुवार को विभिन्न यूनिवर्सिटियों के कुलपतियों, शिक्षकों और शिक्षाविदों से बातचीत में मुनीर ने कहा, ‘पानी हमारी RED LINE (लाल रेखा) है। हम भारत का आधिपत्य कतई स्वीकार नहीं करेंगे।’ बता दें कि, मुनीर के ही दिए हिन्दू विरोधी बयान के बाद जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हिन्दू पर्यटकों की आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।

बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी का बड़ा दावा, बोले- ‘राफेल विमान उतने सक्षम नहीं, पाक ने हमारे 5 लड़ाकू विमान गिराए’ ; PM मोदी पर भी साधा निशाना

पाकिस्तान क्यों बिलबिलाया हुआ है?

बता दें कि, पहलगाम आतंकी हमले के बाद से भारत ने 65 वर्ष पुराने सिंधु जल समझौते को स्थगित कर दिया है। 1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता से हुआ समझौता भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों (सतलज, ब्यास, रावी, झेलम और चिनाब) के पानी के बंटवारे को तय करता है। इस समझौते के तहत पाकिस्तान को झेलम, चिनाब और सिंधु नदियों का ज्यादातर पानी मिलता है, जो उसकी खेती और अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। पाकिस्तान में 70% जनता और कृषि इसी पानी पर निर्भर है।

लेकिन अब भारत ने समझौते को निलंबित करने के बाद नदियों के पानी की जानकारी साझा करना बंद कर दिया है। भारत ने कहा है कि वह अपने हिस्से का पानी किसी और को नहीं देगा। इससे पाकिस्तान में पानी की कमी का डर बढ़ गया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने इसे ‘जंग के जैसा’ करार दिया है।

पहलगाम हमले के मास्टरमाइंड आतंकी कसूरी का पाक मंत्री ने गले लगाकर किया स्वागत, कहा- ‘आप हमारी 24 करोड़ अवाम का प्रतिनिधित्व करते हैं…’

पाकिस्तान की तरफ से लगातार आ रहे भड़काऊ बयान

मुनीर का यह बयान भारत द्वारा सिंधु जल समझौते को निलंबित करने के बाद आया है। भारत द्वारा सिंधु जल समझौते को निलंबित किए जाने के बाद से ही पाकिस्तान की तरफ से ऐसे बयान आ रहे हैं। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, के बाद भारत ने यह कड़ा कदम उठाया। भारत का कहना है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं करता, यह समझौता निलंबित रहेगा।

‘चले तो चांद तक वरना शाम तक..’ पाकिस्तान में फुस्स निकले हाथियारों पर चीनी रक्षा मंत्रालय के अधिकारी का बोलने से इनकार, सवालों से भागते दिखे

सिंधु जल समझौते के निलंबन से क्या है खतरा?

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और खेती सिंधु नदी तंत्र पर निर्भर है। अगर भारत पानी के प्रवाह को कम करता है या पूरी तरह रोक देता है, तो:

आर्थिक नुकसान: पानी की कमी से बिजली उत्पादन और उद्योग प्रभावित होंगे, जिससे पाकिस्तान की पहले से कमजोर अर्थव्यवस्था और चरमरा सकती है।

खेती पर संकट: पाकिस्तान की 40% से ज्यादा आबादी खेती पर निर्भर है। पानी की कमी से फसलें बर्बाद हो सकती हैं, जिससे खाद्य संकट और महंगाई बढ़ेगी।

पानी की कमी: सिंध और बलूचिस्तान जैसे इलाकों में पहले से पानी की किल्लत है। समझौते के निलंबन से यह और गंभीर हो सकता है।

गृह युद्ध का खतरा : पानी की किल्लत से जनता में गुस्सा और अशांति बढ़ सकती है, खासकर बलूचिस्तान और सिंध में, जहां पहले से विद्रोह की आग सुलग रही है।

‘पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते’

मुनीर ने झूठे आरोप लगाते हुए बलूचिस्तान में आतंकवाद के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया। लेकिन भारत ने साफ कर दिया है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को पूरी तरह छोड़ नहीं देता, न तो समझौता बहाल होगा और न ही कोई बातचीत होगी। पाकिस्तान ने भारत से समझौते पर दोबारा विचार करने की अपील की है, लेकिन भारत का रुख सख्त है। भारत ने साफ कर दिया है कि ‘पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते।’ भारत ने कहा है कि, पाकिस्तान से तभी बात होगी जब वह उन आतंकियों को सौंपेगा जिनकी लिस्ट कई वर्षो पहले दी गई थी।

Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m