लोकेश प्रधान,बरमकेला. प्रदेश के कई इलाकों में लगातार तेज बारिश हो रही है. इसका खामियाजा अब सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों को उठाना पड़ रहा है. क्योंकि बारिश होते ही स्कूल की छत से पानी टपकने लगता है. दीवारों में दरारें पड़ गई है. छत का प्लास्टर उखड़ गया है. छत और दीवारों से कमरे के अंदर पानी भर रहा है.पानी रोकने के लिए स्कूल प्रबंधन द्वारा छत पर प्लास्टिक ढंका हुआ है.पानी बाहर करते ही बारिश होने पर दोबारा इसमें पानी भर जाता है. स्कूल प्रबंधन ने इस समस्या को लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों को अवगत कराया, तो उन्हें नए स्कूल भवन और वर्तमान में इसकी मरम्मत के लिए सीएसआर से कंपनियों को निर्देशित करने का आश्वासन दिया है.

दरअसल ये पूरा मामला बरमकेला ब्लॉक के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सरिया का है. इस स्कूल में दिनभर में दो से तीन बार स्कूल के चौकीदार प्लास्टिक के पानी को बाहर फेंकते हैं. इसके बाद भी समस्या जस की तस बनी हुई है. जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते बच्चों की जान जोखिम में है. स्थिति इतनी ज्यादा खराब हो गई है कि तीन कमरे में बच्चे बैठ नहीं पा रहे हैं. अब उनको दूसरे कमरे में बैठाया जा रहा है. स्कूल में समस्याओं के चलते बच्चे व शिक्षक दोनों परेशान हैं.

बता दें कि बच्चों की बेहतर शिक्षा के लिए प्रशासन द्वारा करीब 10 साल पहले शासकीय विद्यालय की स्थापना की गई थी. गुणवत्ताविहीन निर्माण की वजह से विद्यालय का भवन कुछ सालों में ही जर्जर हो गया. इस स्कूल में करीब साढ़े 4 सौ बच्चे अध्ययनरत हैं. स्कूल की छत से लगभग सभी कमरे में पानी टपक रहा है. और भवनों के दिवारों में क्रेक भी आ चुका है. यहां तक प्राचार्य का कमरा भी इससे अछूता नहीं है.

खास बात यह है कि भले ही स्कूल भवन की स्थिति जर्जर हो, मगर यहां पढ़ाई बहुत ही बेहतर तरीके से होती है. इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि पिछले तीन चार सालों से लगातार दसवीं और बारहवीं बोर्ड परीक्षा में यहां के बच्चे टॉप टेन में जगह बनाते हैं. तो वहीं स्कूल का रिजल्ट भी 97 प्रतिशत रहा है. इसके बाद भी स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा बच्चों की इस परेशानी को नजरअंदाज किया जा रहा है. जबकि स्कूल प्रबंधन का दावा है कि कई दफा इसकी शिकायत नीचे से लेकर ऊपर तक के अफसरों से की जा चुकी है. फिर भी स्कूल भवन को मरम्मत करवाने में ध्यान नहीं दिया जा रहा है.