शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्यप्रदेश में चुनाव प्रचार की सरगर्मी धीरे-धीरे तेज होती जा रही है। महापौर के साथ पार्षदों ने अपने प्रचार आगाज कर दिया है, लेकिन इस बार बारिश प्रचार को बैरंग कर रही है। प्रत्याशी प्लान बी बनाने में जुए गए हैं, क्योंकि मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मध्यप्रदेश में 7 साल बाद निकाय और पंचायत चुनाव हो रहे हैं उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद चुनाव आयोग ने इलेक्शन का ऐलान किया। चुनाव की प्रक्रिया करीब डेढ़ महीने चलना है और प्रचार का अधिकतर समय बारिश में गुजरना है और अब यही बारिश प्रत्याशियों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। मौसम विभाग की माने तो आने वाले दस दिनों मे मूसलाधार बारिश देखने को मिलेगी। मौसम विभाग की भविष्यवाणी के बाद कांग्रेस-बीजेपी प्लान बी बनाने जुट गई है।

मध्यप्रदेश में नगर निगम के 19 जुलाई तक चुनाव चलना है पहले चरण का चुनावी शोर 4 जुलाई को शांत हो जाएगी। वहीं दूसरे चरण का प्रचार 11 जुलाई को समाप्त होगा और वोटों की गिनती 18 जुलाई को होगी। यानी ऐसे वक्त में पूरे प्रदेश में जोरदार बारिश होने का अनुमान है। मौसम विभाग की भविष्यवाणी के बाद बीजेपी-कांग्रेस परंपरागत जनसंपर्क के अलावा सोशल मीडिया को प्रचार मुख्य केन्द्र बनाएगी। साथ ही डोर-टू-डोर प्रचार की जगह प्रत्याशी मोहल्ले-मोहल्ले बैठक प्रचार करेंगे।

चुनाव में वोट के लिए नेताओं को घर-घर दस्तक देना मजबूरी है, इसलिए नेताजी अलग-अलग रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं। जिससे वो जनता तक सीधा संपर्क कर सके। उम्मीदवारों को प्रचार के अलग-अलग नए तरीके निकालने होंगे, क्योंकि अगर जीत चाहिए, तो जनता से सीधा जुड़ाव जरूरी है और बारिश चुनाव में खलल डालेगी ये भी तय है।

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