सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर। छत्तीसगढ़ भगवान और प्रकृति की प्रिय संतान है. यहां नदी-नरवा है, घाटी है, पर्वत- पठार है, जंगल, वन है. प्रकृति के इस धरोहर को मेंटेन नहीं किया गया तो विनाश होगा. अंदर की नदियाँ, जल स्रोत सूख जाएगा तो ऊपर विनाश का तांडव होगा. यह कहना है भारत के वॉटरमैन राजेंद्र सिंह का.

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भू-जल संवर्धन मिशन के शुभारंभ के लिए रायपुर पहुंचे भारत के वॉटरमैन राजेंद्र सिंह ने लल्लूराम डॉट कॉम से जल संकट पर बातचीत की. उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि जब क्राइसिस होता है तो संरक्षण संवर्द्धन की शुरुआत होती है. आगामी संकट की बात सरकार को भी पता है, आम जनता को भी पता है. इस दिशा में भू-जल संवर्धन मिशन बहुत ही बढ़िया कदम है. अभी सब लोग मिलकर संरक्षण संवर्धन के लिए काम करते हैं, तो विनाश को रोका जा सकता है.

वॉटरमैन ने कहा कि आज जो पानी के संकट पैदा हो रहा है, उसको रोक सकते हैं. गर्मी के दिनों में धान का पैदावार जल संकट का बहुत बड़ा कारण होता है. कांक्रीट के जंगल जल संरक्षण, संवर्धन, का बड़ा दुश्मन है. जितना ज्यादा हो सके कांक्रीटीकरण को रोका जाए.