अमरावती. पिछले कुछ दिनों में देश का वातावरण तनावपूर्ण रहा है. रामनवमी और हनुमान जयंती के दिन देश के 5-6 राज्यों से हिंसा की खबर आई. अब भी देश में लाउडस्पीकर का अलग की मुद्दा चल रहा है. इन सभी घटनाओं से देश का माहौल तनावपूर्ण रहा है. इसी बीच अब सरसंघचालक मोहन भागवत का एक बयान सामने आया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हाल में विभिन्न समुदायों के बीच हुई कई हिंसक घटनाओं और विवादों के संदर्भ में मोहन भागवत ने यह बयान दिया है.
दरअसल, शुक्रवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत बतौर मुख्य अतिथि पूर्वी महाराष्ट्र में भानखेड़ा रोड के पास कंवरराम धाम में आयोजित गद्दीनाशिनी कार्यक्रम में शामिल हुए थे. इस दौरान उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि ‘हिंसा से किसी का भला नहीं होता. हमें हमेशा अहिंसक और शांतिप्रिय होना चाहिए.’ अपने संबोधन में उन्होंने जोर देते हुए कहा कि ‘हमें सभी समुदायों को साथ लेकर आने की जरूरत है और मानवता को बचाने की दरकार है.’
हिंसा प्रिय समाज अपने आखिरी दिन गिन रहा
उन्होंने कहा, ‘हिंसा से किसी का फायदा नहीं होता है. जिन समुदायों ने हिंसा को तरजीह दी, अब वे अपने आखिरी दिन गिन रहे हैं. हमें हमेशा अहिंसा-प्रेमी होना चाहिए और शांति को वरियता देने वाला होना चाहिए. इसके लिए ज़रूरी है कि सभी समुदाय साथ आएं और मानवता को संरक्षित करें.’
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सिंधी विश्वविद्यालय की स्थापना पर जोर
कार्यक्रम के दौरान मोहन भागवत ने सिंधी भाषा और संस्कृति को बचाए रखने के लिए देश में एक सिंधी विश्वविद्यालय की स्थापना पर भी ज़ोर दिया. उन्होंने कहा कि भारत एक बहु-भाषीय देश है और यहां हर भाषा का अपना महत्व है. इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए अमरावती समेत दूसरी जगहों से सैकड़ों की संख्या में सिंधी समुदाय के लोग जमा हुए थे.
संजय राउत की प्रतिक्रिया
मोहन भागवत के इस बयान पर शिवसेना नेता संजय राउत ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि ‘वह ऐसे विचार को आगे लेकर आए हैं जिस पर पूरे देश में बहस होनी चाहिए.’
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