रायपुर- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दंतेवाड़ा नक्सली हमले के शिकार हुए विधायक भीमा मंडावी व पुलिस जवानों को श्रद्धांजलि दी. सीएम बघेल ने कहा कि दंतेवाड़ा में एक दुखद घटना घटित हुई है. हमारे विधायक साथी भीमा मंडावी व जवान नक्सल हमले के शिकार हुए हैं. यह दुख सहने की क्षमता उनके दुख संतप्त परिवार को दें.

बस्तर में जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा व्यवस्था हटाए जाने पर सीएम ने कहा कि किसी भी जनप्रतिनिधि की सुरक्षा नहीं हटाई. खासकर बस्तर में सुरक्षा नहीं हटाया. प्रचार के दौरान जनप्रतिनिधियों के साथ 50 जवानों का काफिला साथ चल रहे थे. अंतिम समय तक पायलट व स्थानीय पुलिस की सुरक्षा गाड़ी साथ थी. प्रचार से लौटने के बाद उसने सुरक्षा घर से वापस कर दी. इसके बाद वह गांव के लिए निकल गया.

जनप्रतिनिधि कही जाते हैं तो कार्यकर्ताओं को बताते हैं, ये सूचना उसकी पास पहुंची होगी. यही मेले में चर्चा के दौरान जानकारी हुई होगी. इंटेलिजेंस की फेल की बात नहीं हैं. फोर्स को बिना बताए गए है. थानेदार ने भी फोन पर मना किया. उस रास्ते में आमतौर पर कोई नहीं जाता है. इसलिए उस रोड पर जाने से मना किया गया था.

भूपेश ने एक सवाल पर बोले कि मैं राजनीतिक जवाब नहीं देना चाहता, भीमा मंडावी मान लेते तो यह हादसा नहीं होता. यह बेहद दुखद घटना है. असहनीय है. भीमा मंडावी अत्यंत मिलनसार छवि के धनी थे. सीएम ने बस्तर चुनाव को लेकर पूर्वानुमान लगाने से मना किया. सारी तैयारी हो चुकी है. इससे कोई ज्यादा फर्क नहीं आएगा. बुधवार को अंतिम संस्कार का कार्यक्रम रखा गया है, उसमें मैं शामिल होने जाऊंगा.

गोली का जवाब गोली से देंगे

झीरम के बाद यह संसदीय लोकतंत्र में बड़ा हमला है, यह अत्यंत निंदनीय है. इस पीड़ा को हम समझ सकते हैं, जिन्होंने खुद झीरम हमले में अपने साथियों को खोया है.हमारी सरकार बस्तर सहित पूरे प्रदेश में विश्वास जीतने का प्रयास कर रही है. इससे नक्सली बौखला गए है. इसी का नतीजा है कि लोकसभा चुनाव के समय हमला किया गया. यह लोकतंत्र के खिलाफ हमला है, ये लोकतंत्र को सफल होना नहीं देना चाहते.

छत्तीसगढ़ में मप्र के समय से ही नक्सली है. हम नक्सलियों से लड़ाई की प्रतिबद्धता को दोहराते हैं. हमारी सरकार हर लड़ाई लड़ रही है. अधिकारियों की बैठक लेकर कहा है कि हर गोली का जवाब गोली से दिया जाए.