फिनलैंड की विदेश मंत्री एलिना वाल्टोनेन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की भारत पर नए टैरिफ लगाने की मांग को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि यूरोपीय संघ (ईयू) भारत के साथ व्यापार बढ़ाने और टैरिफ घटाने की दिशा में काम कर रहा है। गौरतलब है कि फिनलैंड अमेरिका का करीबी देश माना जाता है और राष्ट्रपति अलेक्जेंडर स्टब के साथ ट्रंप के बेहद करीबी रिश्ते हैं। इसके बावजूद फिनलैंड ने भारत का साथ दिया है। रूस से ऊर्जा खरीदने के लिए भारत पर दंडात्मक टैरिफ लगाने के ट्रंप के अनुरोध को ठुकराते हुए वाल्टोनेन ने साफ किया कि ईयू की प्राथमिकता रूस पर सीधे प्रतिबंध और टैरिफ लगाना है, न कि भारत जैसे साझेदार देशों पर ऐसे प्रतिबंध लगाना है।
‘हमने रूस से कच्चे तेल आयात को 90 प्रतिशत तक कम किया’
संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान एक इंटरव्यू में उन्होंने भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को तेजी से आगे बढ़ाने की इच्छा जताई। वाल्टोनेन ने कहा कि यूरोप की रणनीति रूस के खिलाफ कड़े प्रतिबंधों और तेल मूल्य सीमा जैसे उपायों पर केंद्रित है, जिसने रूस से कच्चे तेल के आयात को 90% तक कम कर दिया है। उन्होंने भारत और चीन पर द्वितीयक टैरिफ लगाने की जरूरत को खारिज करते हुए कहा कि मौजूदा प्रतिबंध नीति पर्याप्त प्रभावी है।
भारत के साथ व्यापार बढ़ाने की यूरोपीय रणनीति
वाल्टोनेन ने भारत के साथ आर्थिक रिश्तों को मजबूत करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “हम भारत के साथ व्यापार बढ़ाने की उम्मीद करते हैं। इसके लिए नए टैरिफ लगाने के बजाय, हम मौजूदा टैरिफ को कम करना चाहते हैं और एफटीए वार्ता को जल्द से जल्द अच्छे विश्वास के साथ पूरा करना चाहते हैं।” हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि यूरोप उम्मीद करता है कि भारत भू-रणनीतिक दृष्टिकोण से ईयू की विदेश नीति के साथ और करीब आए।
‘रूस पर प्रतिबंध, भारत पर नहीं’
ट्रंप की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए वाल्टोनेन ने कहा कि यूरोप अपनी स्वतंत्र प्रतिबंध नीति पर कायम है। उन्होंने कहा, “हमारा मुख्य हथियार रूस के खिलाफ प्रभावी प्रतिबंध हैं। हम टैरिफ पर विचार कर रहे हैं, लेकिन ये सीधे रूस पर लागू होंगे, क्योंकि यूरोप अभी भी रूस से कुछ सामान और सेवाओं का आयात करता है।” उन्होंने यह भी बताया कि यूरोप ने रूस से तेल आयात में भारी कटौती की है और आगे भी इस दिशा में काम जारी रहेगा। इसके साथ ही एलिना वाल्टोनन ने अमेरिका की बार-बार की जा रही अपील के बावजूद उन्होंने रूसी तेल और हथियार खरीदारी को लेकर भारत पर किसी भी तरह का सेकेंडरी टैरिफ लगाने की संभावना को भी सिरे से खारिज कर दिया।
भारत और चीन पर द्वितीयक टैरिफ के सवाल पर वाल्टोनेन ने कहा, “हम नई संभावनाओं को तलाशने के लिए उत्सुक हैं, लेकिन अभी हमें मौजूदा प्रतिबंध नीति और तेल मूल्य सीमा पर्याप्त लगती है।” उन्होंने भारत की यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने में बढ़ती भूमिका की सराहना की, खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फिनलैंड के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर स्टब के बीच हालिया फोन वार्ता का जिक्र करते हुए।
अमेरिका का भारत पर टैरिफ, यूरोप का अलग रुख
अमेरिका ने भारत पर पहले ही 50% टैरिफ लगा रखा है, जिसमें 25% विशेष रूप से रूस से तेल खरीदने के लिए है, यह आरोप लगाते हुए कि भारत परोक्ष रूप से रूस के यूक्रेन युद्ध को वित्तपोषित कर रहा है। हालांकि, यूरोप ने इस दृष्टिकोण से अलग रास्ता चुना है, जो भारत के साथ सहयोग और व्यापार बढ़ाने पर केंद्रित है।
भारत के मुरीद हुए फिनलैंड के राष्ट्रपति, बताया – भविष्य का सुपरपावर
गौरतलब है कि, फिनलैंड के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर स्टब ने भारत को उभरती हुई वैश्विक ताकत बताते हुए कहा कि इसे चीन या रूस जैसी पारंपरिक शक्तियों की तरह नहीं देखा जाना चाहिए। हेलसिंकी सिक्योरिटी फोरम 2025 में उन्होंने पश्चिमी देशों से भारत के साथ मजबूत रिश्ते बनाने की अपील की और वैश्विक शांति में भारत की भूमिका को अहम बताया।
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