गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि ज्योतिषीय दृष्टि से एक दुर्लभ तिथि बन गई है. लगभग 12 वर्षों बाद ऐसा हो रहा है जब गुरु पूर्णिमा गुरुवार के दिन पड़ रही है, यानी जिस दिन के स्वामी स्वयं बृहस्पति (गुरु ग्रह) हैं. इस दिन रत्न धारण करने से गुरु ग्रह की कृपा कई गुना बढ़ जाती है.

गुरु पूर्णिमा पर धारण करें ये रत्न
पुखराज : बृहस्पति का मुख्य रत्न। विवाह, संतान, शिक्षा और धन में वृद्धि.
टोपाज : पुखराज का उपरत्न, आर्थिक समृद्धि और सकारात्मक सोच के लिए.
सुनैला : तनाव मुक्त जीवन और आध्यात्मिक प्रगति के लिए.
क्यों खास है ये दिन?
गुरुवार + पूर्णिमा + बृहस्पति की सत्तात्मकता वाली दिन तीन गुना शक्तिशाली योग बन रहा है. रत्न धारण का शुभ मुहूर्त: सुबह 6:00 से 8:00 बजे तक है. रत्न को पंचधातु या शुद्ध सोना में बनाए. अगर कुंडली में गुरु अशुभ है, तो रत्न लाभ की जगह हानि भी दे सकता है. ज्योतिषीय परामर्श जरूरी है.
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