दिल्ली। भारत मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक केरल पहुँचने के बाद से बुरेवी चक्रवात कमजोर पड़ गया है. बुरेवी तूफान का खतरा कम हो चुका है. रामनाथपुरम जिले के तट के निकट मन्नार की खाड़ी के ऊपर गहरे दबाव के क्षेत्र कमजोर होने और निम्न दबाव के क्षेत्र में तब्दील होने की संभावना है. यह केरल के लिए राहत भरी खबर है.
वहीं दूसरी बुरेवी चक्रवात असर तमिलनाडु और पुडुचेरी में देखने को मिला. जहाँ कल जमकर बारिश हुई. भारी बारिश की वजह निचली बस्तियों में पानी भी भर गया.
गन्ने की फसल को नुकसान
तमिलनाडु के नागपट्टिनम जिले के कोलीडाम में 36 सेंटीमीटर, कुड्डालोर के चिदंबरम में 34 सेंटीमीटर और दो दर्जन से अधिक स्थानों पर 10 से 28 सेंटीमीटर के बीच बारिश हुई. लगातार तीन दिनों से हो रही बारिश के कारण तिरुवरूर, पुडुकोट्टाई, तंजावूर आदि जिलों में धान और गन्ने की फसल पानी में डूब गई है.
कश्मीर में बर्फबारी
कश्मीर में बारिश हुई और वहां ऊंचाई वाले स्थानों पर हिमपात हुआ. मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ से जम्मू कश्मीर में 10 दिसंबर तक मौसम पर असर पड़ सकता है और घाटी के पहाड़ी क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है. इस केंद्रशासित प्रदेश में पहलगाम शून्य से 2.5 डिग्री नीचे तापमान के साथ सबसे ठंडा स्थान रहा. गुलमर्ग और श्रीनगर पारा शून्य से क्रमश: 2.2 और 1.2 डिग्री नीचे तक लुढक गया.
उत्तर भारत में सर्दी
वहीं उत्तर भारत में सर्दी बढ़ गई है. मौसम विभाग ने कहा कि आने वाले कुछ दिनों में ठंड और बढ़ेगी. लोगों को सर्दी को लेकर सावधानी बरतनी चाहिए. पखवाड़े भर बाद शीतलहर की स्थिति बन सकती है.
छत्तीसगढ़ में भी पड़ेगी कड़ाके की ठंड
वहीं छत्तीसगढ़ में भी इस बार कड़ाके की ठंठ पड़ने की संभावना जताई गई है. आने वाले सप्ताह भर प्रदेश में ठंड का असर उत्तरी छत्तीसगढ़ में दिखेगा, साथी मैदानी इलाकों में मध्य दिसंबर के कड़ाके की ठंड पड़ने की संभावना दिख रही. प्रदेश में भी शीतलहर का प्रभाव दिसंबर के अंत में दिखाई पड़ सकता है.