Nation First, Always First 117 वर्षों में छह बार बदला राष्ट्रीय ध्वज, जानिये कैसा रहा तिरंगा का सफर

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर स्कूल से लेकर दफ्तर तक हर जगह तिरंगा फहराया जाता है लेकिन क्या आप है तिरंगा का सफर कैसा था...

भारत का राष्ट्रीय ध्वज 117 सालों में छह बार बदला जा चुका है, ध्वज में आखिरी बदलाव 1947 में किया गया और तभी से इसे तिरंगा के नाम से जाना जाता है

1906 में कलकत्ता में भारत का पहला राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया, इस झंडे में हरे, पीले और लाल रंग की पट्टियां थीं

1907 में देश का दूसरा नया झंडा मैडम भीकाजीकामा और उनके कुछ क्रांतिकारी साथियों ने पेरिस फहराया था

एक दशक के बाद ही 1917 में एक और नया झंडा प्रस्तावित किया गया, इस नए ध्वज को डॉ. एनी बेसेंट और लोकमान्य तिलक ने फहराया

1921 में भारत का राष्ट्रीय ध्वज बदला गया, जिसमें गांधी जी चलता हुआ चरखा भी दर्शाया था

1931 में फिर पांचवीं बार बदला राष्ट्रीय ध्वज, सफेद पट्टी में चरखा राष्ट्र की प्रगति का प्रतीक बताया गया

15 अगस्त 1947 में जब भारत आजाद हुआ, तब देश को नया झंडा मिला, जिसे तिरंगा के नाम से जाना जाने लगा। इस ध्वज को पिंगली वैंकेया ने तैयार किया था

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