अवधी भाषा से है '2 जून की रोटी का ताल्लुक़', जानिए कैसे ?
2 जून के आते ही हर साल सोशल मीडिया पर '2 जून की रोटी' ट्रेंड होने लगता है.
सोशल मीडिया यूजर्स रोटी की फोटो डालकर पूछने लगता है कि क्या आपने 2 जून की रोटी खा ली है.
हम सब अक्सर ही सुनते आए हैं कि जिंदगी में ज्यादा कुछ नहीं चाहिए, बस सुकून से 2 जून की रोटी मिल जाए.
सबसे पहले तो यह जान लीजिए कि जून का मतलब यहां पर किसी महीने से बिलकुल नहीं है.
2 जून की रोटी एक कहावत है और इसका मतलब 2 वक्त के खाने से होता है. '2 जून की रोटी' अवधी भाषा का शब्द है.
मुंशी प्रेमचंद्र और जयशंकर प्रसाद ने अपनी कहानियों में 2 जून की रोटी का कई बार जिक्र किया है.
अवधी भाषा में जून का मतलब वक्त समय से होता है यानि आपको 2 समय का भोजन मिल जाए.